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बारिश में संक्रामक बीमारियों की बौछार, बरतें एहतियात

इन बीमारियों के लक्षण व बचाव जान एहतियात बरतकर चपेट में आने से बच सकते हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Aug 2018 05:17 PM (IST)Updated: Sat, 04 Aug 2018 05:17 PM (IST)
बारिश में संक्रामक बीमारियों की बौछार, बरतें एहतियात
बारिश में संक्रामक बीमारियों की बौछार, बरतें एहतियात

जागरण संवाददाता, कानपुर : बारिश के मौसम में वातावरण में नमी से बैक्टीरिया एवं वायरस तेजी से पनप रहे हैं, जिससे संक्रामक बीमारियों की बौछार शुरू हो गई है, इसलिए खानपान में एहतियात बरतें, क्योंकि इस मौसम में जरा सी लापरवाही सेहत पर भारी पड़ती है। अस्पतालों में रोज बड़ी संख्या में डायरिया, उल्टी-दस्त एवं बुखार के मरीज पहुंच रहे हैं। बड़ी संख्या में नर्सिग होम व निजी क्लीनिकों में मरीजों का इलाज चल रहा है। डायरिया, डेंगू और मलेरिया बारिश में होने वाली प्रमुख बीमारियां हैं। इनके लक्षण व बचाव जान एहतियात बरतकर चपेट में आने से बच सकते हैं। पानी को शुद्ध करने के लिए एक लीटर पानी में चार मिली ग्राम ब्लीचिंग पाउडर डालें। अधिक अशुद्ध पानी होने पर पांच मिनट तक उबाल लें। उसके बाद ठंडा कर के पीएं। डायरिया

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दिन में कई बार पतले दस्त आना। मरोड़ न होना डायरिया कहलाता है। पतले दस्त आने से शरीर में पानी और खनिज लवण निकल जाते हैं। कमजोरी महसूस होती है। यह बच्चों, बुजुर्गो, महिलाओं और जवानों को हो सकता है। 0-5 साल तक के बच्चों की मौत का सबसे बड़ा कारण डायरिया है।

डायरिया के कारण

मौसम में बदलाव

अधिक खाने से फूड प्वाइजनिंग

सड़े-कटे और गले हुए दूषित फल

ठंडा पानी और आइसक्रीम का सेवन

दूषित पानी का सेवन

बारिश में वायरल इंफेक्शन

मिलावटी दूध, पनीर का सेवन

बासी मीट खाने से

डायरिया के लक्षण

हलका पेट दर्द, पतले दस्त व उल्टी, कमजोरी होना, जीभ सूखना, हाथ-पैर ठंडे पड़ना, बेचैनी व थकान

बारिश में अशुद्ध पानी से डायरिया

जगह-जगह जलभराव है। ऐसे में घरों में क्षतिग्रस्त पाइप लाइन से अशुद्ध पानी की आपूर्ति होने लगती है। इस पानी के सेवन से अशुद्धिया पेट में चली जाती हैं। इसके संक्रमण से डायरिया, उल्टी-दस्त व अन्य बीमारियां होती हैं। इसलिए एक बाल्टी पानी (20 लीटर) में एक गोली क्लोरीन की डाल कर पीएं। संभव हो तो पानी उबाल लें, फिर उसे ठंडा करके पीएं।

न करें पत्तेदार सब्जियों का सेवन

बारिश के मौसम में वातावरण में नमी से कीड़े पनपते हैं, जो महीन अंडे पत्तों में दे देते हैं। इसलिए बारिश के मौसम में हरी सब्जियों के सेवन से बचना चाहिए क्योंकि इनका सेवन करने से अंडे पेट में चले जाते हैं। पेट में कीड़े बनकर रक्त के साथ पूरे शरीर में फैल जाते हैं जो कई प्रकार की बीमारियों की वजह बनते हैं। डेंगू

डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने के संक्रमण से होता है। इन मच्छरों के शरीर पर सफेद व काली धारियां होती हैं, इसलिए इन्हें टाइगर मच्छर भी कहते हैं। इसका मच्छर दिन में काटता है और अधिक ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता है। जुलाई से अक्टूबर तक का मौसम मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल होता है। इसका मच्छर साफ पानी में पनपता है।

ऐसे फैलता है डेंगू

मच्छर जब संक्रमित जानवर या व्यक्ति को काटता है। मच्छर के रक्त चूसने पर उसके साथ डेंगू वायरस चला जाता है। मच्छर जब किसी दूसरे व्यक्ति को काटता है तो वायरस दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाता है।

3 से 5 दिन में दिखते हैं लक्षण

वायरस के शरीर में प्रवेश करने के 3 से 5 दिन के बाद डेंगू बुखार के लक्षण दिखाई पड़ते हैं। पूरी तरह संक्रमण 3 से 10 दिन में फैलता है।

डेंगू की तीन स्टेज

साधारण डेंगू बुखार, हैमरेजिक डेंगू, बुखार, डेंगू शॉक सिंड्रोम।

डेंगू से बचाव

- घर के आसपास पानी इकट्ठा न हो।

- जमे पानी पर जला मोबिल आयल डालें।

- कूलर खाली करके रख दें।

- घर में टूटे डिब्बे, टायर, बर्तन न रखें।

- पानी की टंकी को बंद रखें।

- मच्छर भगाने के उपाए करें।

- हफ्ते में एक बार दवा छिड़काव करें।

- पूरी बांह के कपड़े पहनें, बच्चों के लिए सावधानी जरूरी है।

-बच्चों को मच्छर भगाने की क्रीम लगाएं।

- सोते समय मच्छरदानी लगाएं।

इसका रखें ध्यान

बुखार होने पर सिर्फ पैरासिटामोल टेबलेट ही दें। भूल कर एस्प्रिन या दर्दनिवारक दवाएं न दें। इससे प्लेटलेट्स कम होने से ब्लीडिंग हो सकती है। कैसे होता है मलेरिया

मलेरिया मादा एनोफिलीज नामक मच्छर के काटने से फैलने वाली बीमारी है। यह मच्छर प्लाच्मोडियम नाम के परजीवी का संवाहक होता है, जो गंदे पानी में पनपता है। इसके मच्छर शाम के समय काटते हैं।

मलेरिया के लक्षण

- एक दिन छोड़कर बुखार, अचानक तेज कंपकंपी, पसीने के साथ बुखार उतरना, कमजोरी महसूस होना, रात के समय बुखार आना।


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