केंद्र सरकार के अंतरिम बजट पर कानपुर के उद्यमियों ने दी ये सबसे अलग प्रतिक्रिया
आयकर छूट सीमा ढाई लाख से पांच लाख की घोषणा पर उद्यमी खुश हो गए।
कानपुर, जेएनएन। केंद्र सरकार के अंतरिम बजट पर उद्योग जगत का रुख सबसे अलग है। निराश इसलिए नहीं कि ज्यादा उम्मीद नहीं पाली थी। हां, कुछ भी नहीं मिला, इसकी कसक जरूर है। वहीं, आम आदमी और श्रमिकों को मिली राहत में उद्यमी अप्रत्यक्ष लाभ का गुणा-भाग लगाकर संतुष्ट भी हैं। वहीं, रीयल एस्टेट सेक्टर का चेहरा जरूर खिला है।
कार्यवाहक वित्तमंत्री पीयूष गोयल जब अंतरिम बजट पेश कर रहे थे, तब आइआइए भवन में उद्यमी स्क्रीन पर नजरें जमाए बैठे थे। आधे से अधिक समय बीतने तक उनकी प्रक्रिया रूखी ही थी, लेकिन फिर जैसे ही आयकर छूट सीमा ढाई लाख से पांच लाख की घोषणा हुई, उद्यमी खुश हो गए। उद्योग को क्या मिला? इस सवाल पर उद्यमियों का कहना था कि अंतरिम बजट था, इसलिए ज्यादा उम्मीद रखी नहीं थी। मगर, आम आदमी को जो राहत मिली है, उससे उसकी क्रय शक्ति बढ़ेगी। मार्केट में डिमांड बढ़ेगी, जिसका लाभ उद्योगों को भी होना है।
आइआइए के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील वैश्य का कहना था कि मध्यम वर्ग के करदाता, घर मालिकों और किसानों को रियायत दी गई है। 59 मिनट में एक करोड़ ऋण स्वीकृति का क्रियान्वयन अभी पूरी तरह नहीं हुआ है। एमएसएमई के लिए कैश का फ्लो बढऩा चाहिए था, जो बैंक नहीं कर रहे हैं। हालांकि, आयकर छूट सीमा पांच लाख करना बड़ा कदम है।
कानपुर चैप्टर अध्यक्ष आलोक अग्रवाल का कहना था कि वित्त मंत्रालय को समय-समय पर आइआइए ने जो सिफारिशें भेजी हैं, उन्हें शामिल किया जाना चाहिए था। एमएसएमई द्वारा कर के रूप में तिमाही जीएसटी रिटर्न तो लागू कर दिया है, इसी तरह भुगतान भी तिमाही लागू होना चाहिए। सचिव संजय जैन, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष तरुण खेत्रपाल और कोषाध्यक्ष दिनेश बरासिया ने बजट को आम आदमी के लिए राहतकारी बताया।
इनका भी ये है कहना
''उद्योगों के लिए कुछ नहीं है। बेरोजगारी काफी बढ़ गई है। इसे देखते हुए निवेश की कोई योजना लानी चाहिए थी, ताकि नई इकाइयां स्थापित हो सकतीं। हालांकि अंतरिम बजट से ज्यादा उम्मीद नहीं की थी। - मुख्तारुल अमीन, चेयरमैन, सीएलई
''बजट के जरिए सरकार ने वेतनभोगी, किसान व गरीबों को राहत पहुंचाने का प्रयास किया है। आयकर छूट सीमा पांच लाख होने से लोगों में बचत की आदत के साथ क्रय शक्ति बढ़ेगी। इसका लाभ उद्योग को मिलेगा। -दिनेश अग्रवाल, निदेशक, मोहनी टी लीव्स प्रा.लि.
''बजट गरीब, किसान, नौकरीपेशा और मेहनतकश को राहत देने वाला है। मकान खरीद के लिए न्यूनतम ब्याज पर ऋण अच्छा निर्णय है। आयकर छूट सीमा बढऩा बड़ा कदम है। उद्योगों को भी कुछ मिल जाता तो बजट में चार-चांद लग जाते।- सोम गोयनका, प्रबंध निदेशक, गोल्डी मसाले
''अंतरिम बजट काफी संतुलित और अच्छा है। किसानों और नौकरीपेशा को काफी राहत मिलेगी। उद्योग जगत को गति मिलेगी। किसानों के लिए सरकार को कुछ और राहत देनी चाहिए थी। - सौरभ शिवहरे, प्रबंध निदेशक, कपिला उद्योग लिमिटेड
जानिए रीयल इस्टेट का रुख
''इस बजट से रीयल इस्टेट सेक्टर को ऊर्जा मिली है। दो मकानों में भी निवेश पर टैक्स की छूट मिलना अच्छा कदम है। आयकर छूट सीमा पांच लाख होने से आम आदमी को लाभ मिला है। उसके जरिए रीयल एस्टेट में निवेश आएगा। - विश्वनाथ गुप्ता, प्रबंध निदेशक, डॉल्फिन डेवलपर्स लिमिटेड
''रीयल एस्टेट को बहुत ज्यादा प्रोत्साहन नहीं मिला है। जीएसटी की वजह से आवास लागत बढ़ी है। इसे तत्काल प्रभाव से कम करने की घोषणा होनी चाहिए थी। हालांकि आम आदमी को मिली राहत से उसके हाथ में पैसा बढ़ेगा, जिसका अप्रत्यक्ष लाभ हमें भी मिल सकेगा। - शरद अग्रवाल, निदेशक, स्काईलाइन इन्फ्रा हाइट्स प्रा.लि.