बिठूर पहुंचीं बछेंद्री पाल ने कहा, कानपुर में गंगा ज्यादा प्रदूषित, जागरूकता की बेहद जरूरत
गंगा की सफाई के लिए चालीस पर्वतारोही के दल के साथ एवरेस्ट विजेता बछेंद्री पाल राफ्टिंग पर निकली हैं। रविवार दोपहर बाद वह बिठूर के ब्रह्मावर्त घाट पर पहुंच गईं।
By AbhishekEdited By: Published: Sun, 14 Oct 2018 06:13 PM (IST)Updated: Sun, 14 Oct 2018 07:11 PM (IST)
कानपुर (जागरण संवाददाता)। गंगा की स्वच्छता के लिए राफ्टिंग पर निकला बछेंद्री पाल का दल रविवार दोपहर बाद कानपुर में बिठूर पहुंच गया। ब्रह्मावर्त घाट पर उनकी टीम ने गंगा की सफाई का संदेश दिया। यहां स्वागत के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
फर्रुखाबाद में निकाला ढाई टन कचड़ा
गंगा सफाई का संदेश लेकर चालीस पर्वतारोही टीम के साथ बिठूर के ब्रहमावर्त घाट पहुंची एवरेस्ट विजेता बछेंद्री पाल ने कहा की गंगा की सफाई एवरेस्ट चढऩे से ज्यादा मुश्किल है। जिस तरह से यह दूषित है, इसे साफ करना कुछ दिन या महीनों का काम नहीं है। बताया कि उनकी टीम ने फर्रुखाबाद में गंगा से ढाई टन कचड़ा निकाला है।
लोगों के सहयोग के बिना सफाई संभव नहीं
एवरेस्ट विजेता ने कहा कि गंगा सफाई का काम स्थानीय नागरिको के बगैर संभव नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनसे कहा है कि पर्वत पर चढऩे में आपको खुशी मिलती है लेकिन वहां पर उसे बांटने वाला तलाशना पड़ता है। लेकिन गंगा सफाई के इस कार्यक्रम से जुडऩे पर आपको घाट-घाट पर खुशियां बांटने वाले सैकड़ों लोग मिलते रहेंगे। कहा कि कानपुर के बिठूर घाट आकर ऐसा ही महसूस हो रहा है। कानपुर में गंगा प्रदूषित है, इसलिए यहां पर जागरूकता व स्थानीय सहयोग की बेहद जरूरत है।
फर्रुखाबाद में निकाला ढाई टन कचड़ा
गंगा सफाई का संदेश लेकर चालीस पर्वतारोही टीम के साथ बिठूर के ब्रहमावर्त घाट पहुंची एवरेस्ट विजेता बछेंद्री पाल ने कहा की गंगा की सफाई एवरेस्ट चढऩे से ज्यादा मुश्किल है। जिस तरह से यह दूषित है, इसे साफ करना कुछ दिन या महीनों का काम नहीं है। बताया कि उनकी टीम ने फर्रुखाबाद में गंगा से ढाई टन कचड़ा निकाला है।
लोगों के सहयोग के बिना सफाई संभव नहीं
एवरेस्ट विजेता ने कहा कि गंगा सफाई का काम स्थानीय नागरिको के बगैर संभव नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनसे कहा है कि पर्वत पर चढऩे में आपको खुशी मिलती है लेकिन वहां पर उसे बांटने वाला तलाशना पड़ता है। लेकिन गंगा सफाई के इस कार्यक्रम से जुडऩे पर आपको घाट-घाट पर खुशियां बांटने वाले सैकड़ों लोग मिलते रहेंगे। कहा कि कानपुर के बिठूर घाट आकर ऐसा ही महसूस हो रहा है। कानपुर में गंगा प्रदूषित है, इसलिए यहां पर जागरूकता व स्थानीय सहयोग की बेहद जरूरत है।
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