14 मई को पाकिस्तान भेजा जाएगा एजेंट वकास, परिवार संग मनाएगा ईद
दस साल की सजा पूरी करने के बाद वकास को भारतीय दूतावास 14 साल बाद वाघा बार्डर पर छोड़ेगी।
कानपुर, [प्रदीप तिवारी]। 10 साल की सजा पूरी करने के बाद दो माह से बिठूर थाने में रह रहे आइएसआइ एजेंट वकास अहमद उर्फ इब्राहिम खान को अगले सप्ताह मंगलवार को उसके मुल्क पाकिस्तान भेजने का फैसला लिया गया है। शुक्रवार शाम भारतीय दूतावास से बिठूर पुलिस के पास फोन आया है। दूतावास के अधिकारियों ने वकास को 14 मई को वाघा बार्डर पर छोड़े जाने की जानकारी दी है।
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पाकिस्तान के रावी रोड, लाहौर का रहने वाला पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ एजेंट वकास अहमद 2005 में भारत-पाकिस्तान का मैच देखने दिल्ली आया था। मैच खत्म होने के बाद वह दिल्ली से निकल भागा और औरैया के एक कारोबारी की बहन से शादी कर ली। काफी तलाश के बाद मई 2009 में एटीएस ने मंधना के एक साइबर कैफे के पास से उसको गिरफ्तार किया था। उसके पास से भारत का नक्शा और अन्य गोपनीय दस्तावेज बरामद किए गए थे। इसके बाद वकास को सेना की गुप्त सूचनाएं पाकिस्तान को भेजने के आरोप में जेल भेजा गया। कोर्ट ने वकास को 10 साल की सजा सुनाई थी।
12 फरवरी को जेल से रिहा होने के बाद से वकास को बिठूर थाने में कड़ी सुरक्षा में रखा गया है। रोजाना पुलिस उसका मेडिकल परीक्षण भी करवाती है। बिठूर थाना प्रभारी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि शुक्रवार को दिल्ली दूतावास से सूचना आयी है कि 14 मई को वकास को वाघा बार्डर भेजा जाना है। लेकिन अब तक इस बाबत कोई पत्र नहीं आया है।
जेल में धार्मिक किताबें पढ़ता था वकास
जेल में वकास भारतीय साहित्य व ज्योतिष की किताबों के साथ गीता, रामायण आदि धार्मिक किताबें पढ़ता था। उसने इग्नू से पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया था। वकास को जब वापस भेजे जाने की बात पता लगी तो उसके चेहरे पर खुशी के भाव नजर आए। उसने कहा कि 14 साल बाद वह अपने मुल्क में जाकर परिवार के साथ ईद की खुशियां मनाएगा। साथ ही अपने पिता के साथ व्यापार में हाथ बटाएगा।
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