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केन्या के चमड़ा बाजार में निवेश को भारतीय कारोबारी तैयार

जागरण संवाददाता, कानपुर: केन्या के चमड़ा बाजार में निवेश करने के लिए भारतीय चमड़ा कारोबारी तैयार हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Dec 2017 12:06 AM (IST)Updated: Sun, 10 Dec 2017 12:06 AM (IST)
केन्या के चमड़ा बाजार में निवेश को भारतीय कारोबारी तैयार
केन्या के चमड़ा बाजार में निवेश को भारतीय कारोबारी तैयार

जागरण संवाददाता, कानपुर: केन्या के चमड़ा बाजार में निवेश करने के लिए भारतीय चमड़ा कारोबारी तैयार हैं। साथ ही वहां से ही कच्चा माल लेने के लिए कारोबारी कोशिश करेंगे। इन्वेस्टमेंट कम सोर्सिग मिशन के तहत तंजानिया, युगांडा के बाद सीएलई चेयरमैन के नेतृत्व में इंडियन बिजनेस डेलीगेशन केन्या पहुंचा। सीएलई चेयरमैन मुख्तारुल अमीन ने बताया कि भारतीय निवेशक केन्या में फुटवियर के क्षेत्र में अपना उद्यम स्थापित करना चाहते हैं। इसके लिए बकायदा प्रयास शुरू भी हो गए। यहां प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने चमड़ा बाजार की गतिविधियों को भी बारीकी से समझा। ------------------------

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केन्या में मशीनरी पर इंपोर्ट ड्यूटी शून्य फीसद: सीएलई के प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि केन्या की आबादी चार करोड़ 60 लाख (ंवर्ष 2015 की गणना के मुताबिक) है। वहीं सबसे खास बात यह है कि यहां औद्योगिक उत्पादन के लिए उपयोग की जाने वाली मशीनरी पर इंपोर्ट ड्यूटी शून्य फीसद है। इसके अलावा कच्चे चमड़े व खाल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी 80 फीसद है जबकि वेट ब्लू व क्रस्ट लेदर तैयार करने पर ड्यूटी शून्य फीसद है। जो कहीं न कहीं कारोबारियों के लिए मुफीद बताई गई।

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पांच वर्षों में रिकार्ड बढ़ा 102.05 फीसद उत्पादन: भारत की ओर से जो चमड़ा व उससे बने उत्पाद युगांडा को निर्यात किए जाते हैं, 2012-13 में वह राशि 1.80 यूएस मिलियन डालर थी जबकि 2016-17 में 102.05 फीसद की रिकॉर्ड बढ़ोतरी संग यह उत्पादन बढ़कर 30.25 यूएस मिलियन डालर पर पहुंच गया। वहीं केन्या द्वारा जो चमड़ा व चमड़े के उत्पादों का निर्यात होता है, 2016-17 में वह 246.36 यूएस मिलियन डालर है।

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चमड़ा कारोबारियों को 4.5 मिलियन यूएस डालर का स्पेशल पैकेज जल्द: सीएलई चेयरमैन मुख्तारुल अमीन ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से चमड़ा कारोबारियों की दिक्कतें दूर करने के लिए जल्द ही स्पेशल पैकेज के रूप में 4.5 मिलियन यूएस डालर मिलने वाले हैं। इस राशि से लेदर इंडस्ट्री के लिए निर्माण कार्य, डिजाइन डेवलपमेंट का काम, रोजगार के साधन मुहैया कराने समेत कई काम किए जाएंगे। एफडीडीआइ, सीएलआरआइ, सीएफटीआइ आदि में चमड़े की जानकारी के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी कराए जाएंगे।


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