चीनी उत्पादन में नंबर वन, अब इथेनॉल बढ़ाने का लक्ष्य
जागरण संवाददाता, कानपुर : चीनी उत्पादन में ब्राजील को पछाड़कर भारत नंबर वन हो गया है। इस सा
जागरण संवाददाता, कानपुर : चीनी उत्पादन में ब्राजील को पछाड़कर भारत नंबर वन हो गया है। इस साल देश में 322 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ जो खपत से 72 लाख टन अधिक है। अब गन्ने के रस से सीधे इथेनॉल बनाने की तैयारी चल रही है। अभी तक अंतिम शीरे से इसका निर्माण किया जाता था। यह बात तमिलनाडु शुगर कॉरपोरेशन के चीफ शुगर टेक्नोलॉजिस्ट मुथुवेलप्पन ने कही। वे राष्ट्रीय शर्करा संस्थान में इथेनॉल व एल्कोहल उत्पादन विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।
एनएसआइ व द शुगर टेक्नोलॉजिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में हुए सेमिनार में उन्होंने कहा कि चीनी मिलों को ऐसी फैक्ट्रियों में बदलने की जरूरत है जो मांग व लाभ के अनुसार चीनी व इथेनॉल का उत्पादन कर सकें। उन्होंने ऐसा आर्थिक मॉडल प्रस्तुत किया जो एक ओर चीन की मांग व आपूर्ति को सुनिश्चित करता है तो दूसरी ओर इथेनॉल के उत्पादन को बढ़ाता है। सेमिनार में संस्थान के निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि एक अनुमान है कि कच्चा तेल 50 साल में खत्म हो जाएगा इसलिए पेट्रोल में दस फीसद इथेनॉल मिलाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सरकार ने नई मूल्य नीति की घोषणा की है। गन्ने के रस से सीधे बने इथेनॉल को सरकार 59.19 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से खरीदेगी, जबकि पारंपरिक तरीके से निर्मित इथेनॉल का मूल्य 43.46 रुपये प्रति लीटर रहेगा। सरकार ने इथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने के लिए 4400 करोड़ का बजट रखा है। इस मौके पर बिरला चीनी मिल के आसवन प्रमुख गोविंद मिश्रा, एक्सेल इंडस्ट्रीज पुणे के प्रबंध निदेशक चिंचबालकर व आइएसजीईसी नोएडा से गौरव अवस्थी समेत अन्य विशेषज्ञ रहे।