साफ्टा एग्रीमेंट से भी पाक को बेदखल करे भारत
शहर के कारोबारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा ई-मेल दक्षिण एशियाई देशों के बीच मुक्त व्यापार के लिए है साफ्टा साफ्टा से बाहर होने पर पाकिस्तान को होगा आर्थिक नुकसान
By Edited By: Published: Thu, 28 Feb 2019 01:51 AM (IST)Updated: Thu, 28 Feb 2019 03:00 AM (IST)
कानपुर (राजीव सक्सेना)। पाक को पुलवामा हमले का करारा जवाब देने के बाद अब उसे आर्थिक रूप से कमजोर किए जाने की मांग की जा रही है। शहर के कारोबारियों ने इसके लिए पाकिस्तान को साफ्टा (साउथ एशियन फ्री ट्रेड एरिया) एग्रीमेंट से बाहर करने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ई-मेल भेजकर यह मांग की गई कि पाक को कूटनीतिक तरीके से इससे बाहर किया जाए।|
भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल, श्रीलंका ने वर्ष 2004 में साफ्टा का गठन किया था। 2006 से प्रभावी यह अनुबंध एक तरह से इन देशों के बीच मुक्त व्यापार का जरिया है। इसके तहत पहले चरण में दो वर्ष में दक्षिण एशिया के विकसित देश भारत के अलावा अन्य दो देश श्रीलंका व पाकिस्तान को अपनी कस्टम ड्यूटी घटाकर 20 फीसद तक लानी थी। इसके बाद अगले पांच वर्ष यानी वर्ष 2012 तक इसे शून्य करना था। अब पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रहे हमलों को देखते हुए अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश महामंत्री ज्ञानेश मिश्रा ने प्रधानमंत्री को ई-मेल कर मांग की है कि पाकिस्तान को साफ्टा से बाहर किया जाए। अगर ऐसा हुआ तो पाकिस्तान आर्थिक रूप से कमजोर होगा। कानपुर लोहा व्यापार मंडल के अध्यक्ष अतुल द्विवेदी ने भी प्रधानमंत्री को मेल कर पाकिस्तान को इस एग्रीमेंट से बाहर करने के लिए मांग की है।
व्यापार को बढ़ाने के लिए अनुबंध है साफ्टा
साफ्टा अनुबंध का उद्देश्य आपस में कारोबार को बढ़ावा देने का था। इसके तहत मध्यम और दीर्घ अवधि के कारोबारी अनुबंध करने की योजना बनाई गई थी। इसके तहत कुछ चिह्नित उत्पादों का आयात और निर्यात करने की व्यवस्था थी। टैक्स की दरों को खत्म कर यह व्यवस्था देनी थी कि दक्षिण एशिया के देश आपस में कारोबार कर खुद को विकसित करें और पूरी दुनिया के सामने खड़े हों। इसमें भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल, श्रीलंका शामिल हैं।
भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल, श्रीलंका ने वर्ष 2004 में साफ्टा का गठन किया था। 2006 से प्रभावी यह अनुबंध एक तरह से इन देशों के बीच मुक्त व्यापार का जरिया है। इसके तहत पहले चरण में दो वर्ष में दक्षिण एशिया के विकसित देश भारत के अलावा अन्य दो देश श्रीलंका व पाकिस्तान को अपनी कस्टम ड्यूटी घटाकर 20 फीसद तक लानी थी। इसके बाद अगले पांच वर्ष यानी वर्ष 2012 तक इसे शून्य करना था। अब पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रहे हमलों को देखते हुए अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश महामंत्री ज्ञानेश मिश्रा ने प्रधानमंत्री को ई-मेल कर मांग की है कि पाकिस्तान को साफ्टा से बाहर किया जाए। अगर ऐसा हुआ तो पाकिस्तान आर्थिक रूप से कमजोर होगा। कानपुर लोहा व्यापार मंडल के अध्यक्ष अतुल द्विवेदी ने भी प्रधानमंत्री को मेल कर पाकिस्तान को इस एग्रीमेंट से बाहर करने के लिए मांग की है।
व्यापार को बढ़ाने के लिए अनुबंध है साफ्टा
साफ्टा अनुबंध का उद्देश्य आपस में कारोबार को बढ़ावा देने का था। इसके तहत मध्यम और दीर्घ अवधि के कारोबारी अनुबंध करने की योजना बनाई गई थी। इसके तहत कुछ चिह्नित उत्पादों का आयात और निर्यात करने की व्यवस्था थी। टैक्स की दरों को खत्म कर यह व्यवस्था देनी थी कि दक्षिण एशिया के देश आपस में कारोबार कर खुद को विकसित करें और पूरी दुनिया के सामने खड़े हों। इसमें भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल, श्रीलंका शामिल हैं।
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