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जाति और वर्ण का भेद मिटे तो भारत फिर बने विश्व गुरू

जागरण संवाददाता, कानपुर : 'आर्य समाज ने दलितों, शोषितों और वंचितों के सम्मान की लड़ाई लड

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Mar 2018 05:33 PM (IST)Updated: Mon, 26 Mar 2018 05:33 PM (IST)
जाति और वर्ण का भेद मिटे तो भारत फिर बने विश्व गुरू
जाति और वर्ण का भेद मिटे तो भारत फिर बने विश्व गुरू

जागरण संवाददाता, कानपुर : 'आर्य समाज ने दलितों, शोषितों और वंचितों के सम्मान की लड़ाई लड़ी। देश की आजादी में आर्य समाज का अहम योगदान है। जाति, वर्ण का भेदभाव मिटना चाहिए। यह भेद मिटे और समानता के बीच की जो दीवारे हैं अगर वे हट जाएं तो भारत फिर से विश्व गुरू बनेगा।' ये बातें आर्य समाज के स्थापना दिवस पर लाजपत भवन में आयोजित आर्य महासम्मेलन में मुख्य वक्ता डा. ज्वलंत कुमार शास्त्री ने कही।

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उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों जैसी बुराइयां अगर आर्य समाज में आ गई तो फिर महर्षि दयानंद सरस्वती और स्वामी श्रद्धानंद का सपना साकार नहीं होगा। हमें पद के लिए कार्य नहीं करना है हमें समाज की सेवा के लिए कार्य करना है। उन्होंने कहा कि गोहत्या होने से धरती कांपती है यह बात रूस में आयोजित एक कांफ्रेंस में मुस्लिम वैज्ञानिक ने कही थी। शाकाहार आंदोलन विदेशों में चल रहा है भारत में भी इसे व्यापक पैमाने पर चलाने की आवश्यकता है। पशुओं का वध रुकना चाहिए।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं दैनिक जागरण समूह के चेयरमैन योगेंद्र मोहन गुप्त ने कहा कि जब समाज में अनेक प्रकार की कुरीतियां आई तो स्वामी दयानंद सरस्वती ने देश को नई दिशा दी। हर व्यक्ति के लिए चार वेदों का पठन पाठन संभव नहीं था इसलिए उन्होंने सत्यार्थ प्रकाश पुस्तक लिखी। हर व्यक्ति एक इकाई है उसका कर्तव्य है कि वह हर रूप में अपने आपको शुद्ध रखे। अच्छी सोच, अच्छा विचार, अच्छी संगत करे। जब सभी ऐसा करेंगे तो अपने आप समाज अच्छा होगा और फिर देश उन्नति करेगा। काम, क्रोध, लोभ , मोह के द्वार को पार करने पर ही हमें शांति मिलती है। श्री गुप्त ने सबके साथ अच्छा व्यवहार करने, मानव धर्म का निर्वाह करने और सत्य की उपासना करने की सीख दी। महापौर प्रमिला पांडेय ने कहा कि आर्य समाज निरंतर समाज से कुरीतियों को समाप्त करने में लगा हुआ है। आर्य समाज जाति धर्म के भेद से दूर है। इस अवसर पर विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने नृत्य नाटिका का मंचन किया। माता पिता की सेवा, बेटी बचाओ और पढ़ाओ का संदेश दिया। कार्यक्रम में श्री गुप्त को आर्य समाज के प्रधान अशोक कुमार आर्य, मंत्री आनंद आर्य, शिव कुमार आर्य, वेद प्रकाश आर्य, विनोद कुमार आर्य ने स्मृति चिह्न भेंट किया। अजय आर्य ने भजन सुनाकर मन मोह लिया। इस अवसर पर शुभ कुमार बोहरा, रंजन सूरी, अशोक कुमार अरोड़ा, सुरेंद्र कुमार गेरा, अशोक कुमार पुरी, अनिल पुरवार, हनुमान प्रसाद आर्य, उदयवीर सिंह आदि रहे।


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