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Income Tax Raid: रिच समूह पर छापे के बाद आयकर के हाथ लगा अहम सुराग, रिकार्ड लेकर मुंबई लौटी टीम

Income Tax Raid छह वर्ष पहले रिच समूह का आयकर विभाग ने सर्वे किया था। इस मामले में सिविल लाइंस स्थित कार्यालय में काफी नाराजगी भी कंपनी से जुड़े लोगों ने जताई थी। आयकर अधिकारियों के मुताबिक इस मामले में कंपनी प्रबंधन हाईकोर्ट गया था।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 07:29 PM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 07:29 PM (IST)
Income Tax Raid: रिच समूह पर छापे के बाद आयकर के हाथ लगा अहम सुराग, रिकार्ड लेकर मुंबई लौटी टीम
सोनू सूद और आयकर छापे की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। Income Tax Raid फिल्म अभिनेता सोनू सूद से जुड़े छापे में आयकर विभाग की कार्रवाई खत्म होने के बाद रविवार को मुंबई की टीम पूरा डाटा लेकर लौट गई। इस डाटा के विश्लेषण के बाद पता चलेगा कि कितने कर की अपवंचना की गई है। वहीं, आयकर विभाग को अघोषित रकम को खपाने का एक नया तरीका पता चला है। पहली बार मुखौटा कंपनियों और म्युचुअल फंड के जरिए घालमेल कर अघोषित रकम में हेराफेरी की गई है। 

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सोनू सूद से जुड़े मामले में आयकर विभाग की टीम ने शहर में चार स्थानों पर छापे मारे थे। रविवार को मुंबई के अधिकारियों की टीम मिले डाटा, फर्जी इनवाइस आदि के सारे रिकार्ड लेकर लौट गई। छापे में आयकर अधिकारियों के सामने रकम खपाने का एक नया तरीका सामने आया। अभी तक अघोषित रकम को कंपनियां मुखौटा कंपनियों में लगाती थीं और उनके जरिए लोन दिखाते हुए कंपनी में एक नंबर में धन लगवा लेती थीं। अधिकारियों ने पाया कि कंपनी ने अघोषित आय को पहले एक मुखौटा कंपनी में लगाया और उसके बाद लगातार कई मुखौटा कंपनियों में उस धन को बढ़ाया गया। इसके बाद उसे एक म्युचुअल फंड में लगवा दिया गया। म्युचुअल फंड में कुछ दिन रुपये रखने के बाद वहां से रुपये वापस लिए गए और उसका भुगतान उस व्यक्ति को कर दिया गया, जिस तक वह धन पहुंचाना था। आयकर विभाग म्युचुअल फंड से निकाले रुपये से भुगतान को एक नंबर की राशि मानकर बहुत ध्यान नहीं देता था, मगर इस बार इस खेल को पकड़ लिया है। 

छह वर्ष पहले हुआ था रिच समूह का सर्वे  : छह वर्ष पहले रिच समूह का आयकर विभाग ने सर्वे किया था। तब सिविल लाइन स्थित कार्यालय में कंपनी से जुड़े लोगों ने काफी नाराजगी भी जताई थी। आयकर अधिकारियों के मुताबिक, कंपनी प्रबंधन हाईकोर्ट गया था, मगर जीत आयकर विभाग की हुई थी। कंपनी के कुछ खाते सीज किए गए थे। पिछले अनुभव के आधार पर इस बार कार्यालय पर काफी पुलिस लगा ली थी।


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