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कानपुर: आयकर विभाग से अब नहीं छिपा सकेंगे बड़े लेन देन, पोर्टल खुद दे देगा जानकारी

अब तक आयकर विभाग बड़े लेन देन के मामले में जानकारी होने पर करदाता को नोटिस जारी करता था। लेकिन अब रिटर्न फाइल करने से पहले आयकर विभाग बता देगा कि करदाता के बड़े लेनदेन कौन-कौन से हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 08:19 AM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 08:19 AM (IST)
कानपुर: आयकर विभाग से अब नहीं छिपा सकेंगे बड़े लेन देन, पोर्टल खुद दे देगा जानकारी
आयकर विभाग ने अपने तकनीकी तंत्र को मजबूत कर लिया है।

कानपुर,  जागरण संवाददाता। यदि आपके किसी बचत खाते में एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख या उससे अधिक रुपये जमा किए गए हैं, अथवा एक या उससे अधिक बैंक के चालू खाते से 50 लाख से अधिक के नकद जमा या नकद निकासी की गई है तो आयकर विभाग आपके रिटर्न फाइल करने से पहले ही इन बड़े लेनदेन की जानकारी आपको दे देगा। इसके पीछे कारण है कि अब आयकर विभाग सभी करदाताओं के बड़े लेनदेन की जानकारी उनके वार्षिक सूचना विवरण में दे देगा। इससे करदाता अपने बड़े लेनदेन आयकर विभाग से छिपा नहीं सकेंगे।

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आयकर विभाग ने अपने तकनीकी तंत्र को इतना मजबूत कर लिया है कि अब तक जो सूचनाएं दो से तीन वर्ष बाद मिलती थीं, अब वो तेजी से उनसे पास आ जाती हैं। ऐसे में करदाता के पास यह मौका ही नहीं होगा कि वह अपने बड़े लेनदेन आयकर विभाग को बताए या नहीं क्योंकि खुद आयकर विभाग उसके पोर्टल पर यह जानकारी डाल देगा। हालांकि करदाता के पास एक विकल्प होगा कि अगर कोई लेनदेन जो नजर आ रहा है, वह उससे संबंधित नहीं है तो वह उसे हटा सकते हैं।

आयकर की नजर में बड़े लेनदेन

  • किसी बचत खाते में एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख या अधिक रुपये जमा होने पर।
  • एक या अधिक बैंक के चालू खाते से 50 लाख की नकद जमा या निकासी।
  • क्रेडिट कार्ड से दो लाख या उससे अधिक के भुगतान।
  • म्युचुअल फंड में दो लाख या उससे अधिक मिलने पर।
  • पांच लाख या उससे अधिक के बांड, ऋण पत्र किसी कंपनी से मिलने पर।
  • किसी कंपनी से एक लाख या अधिक के शेयर मिलने पर।
  • 30 लाख से अधिक मूल्य की अचल संपत्ति की खरीद व बिक्री।
  • रिजर्व बैंक के पांच लाख या अधिक के बांड मिलने पर।
  • आयकर विभाग करदाता को रिटर्न फाइल करने से पहले उसके बड़े लेनदेन बता देगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।- शिवम ओमर, चार्टर्ड अकाउंटेंट

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