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दीपावली में 'चुनावी गिफ्ट' पर आयकर विभाग की नजर

दीपावली के एक-डेढ़ माह बाद ही लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने की संभावना देख आयकर विभाग अभी से सतर्क है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 01:24 AM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 01:24 AM (IST)
दीपावली में 'चुनावी गिफ्ट' पर आयकर विभाग की नजर
दीपावली में 'चुनावी गिफ्ट' पर आयकर विभाग की नजर

जागरण संवाददाता, कानपुर :

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दीपावली के एक-डेढ़ माह बाद ही लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने की संभावना देख आयकर विभाग अभी से सतर्क है। वजह यह कि यह त्योहार संभावित प्रत्याशियों के लिए मतदाताओं या उनके अगुवाकार को लुभाने का बड़ा जरिया बन सकता है। आशका है कि इस दौरान नकदी और वस्तुएं उपहार में बांटी जाएंगी। आयकर विभाग ने अपने सभी सूचना तंत्रों को इसके लिए सक्रिय कर दिया है। विभाग का मानना है कि इसके लिए अभी से रुपये का लेनदेन शुरू हो चुका है।

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दीपावली बड़ा मौका

अधिसूचना जारी होने के बाद किसी भी तरह का उपहार देना चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन माना जाता है। दीपावली उपहार देने वाला त्योहार माना जाता है, इसलिए इसे गिफ्ट देने का बड़ा मौका माना जा रहा है। चुनाव में जीत तय करने के लिए नेता मतदाताओं, उनके ऊपर पकड़ रखने वाले और क्षेत्र में अपने करीबियों को उपकृत करते हैं।

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करीबियों पर खास नजर

नोटबंदी के बाद बड़ी संख्या में लोगों के पास नकद धन मिला है। छापों के दौरान करोड़ों रुपये जब्त भी किए गए हैं। इसे देखते हुए आयकर विभाग का मानना है कि नेता अपने घर में नकदी नहीं रखेंगे। करीबियों के पास धन एकत्र किया जाएगा। कुछ माह पहले महापौर के चुनाव में एक नेता के कथन को भी आयकर विभाग ने संज्ञान में लिया हुआ है। नेता ने अपने करीबियों से कहा था कि अगर वह टिकट पाने को एक करोड़ खर्च कर सकते हैं तो चुनाव जीतने के लिए 10 करोड़ तो खर्च करेंगे ही। आयकर विभाग मान रहा है कि यह चुनाव भारी खर्च वाला होने जा रहा है।

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जीएसटी पोर्टल का भी इस्तेमाल होगा

गिफ्ट के रूप में इलेक्ट्रानिक वस्तुएं या अन्य खरीदारी भी भारी मात्रा में होगी। इस तरह की खरीदारी पर पकड़ बनाने के लिए जीएसटी पोर्टल का इस्तेमाल किया जाएगा। नजर रखी जाएगी कि किन लोगों ने असामान्य रूप से खरीदारी की है। ऐसे लोगों से पूछताछ की जाएगी कि उन्होंने यह खरीदारी किस कारण की। किस नेता से उनके संबंध हैं। इस मामले में दुकानदारों को विभाग अपने पूरे विश्वास में रखेगा ताकि त्योहार पर बिक्री करने में उन्हें कोई भय न रहे।

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पश्चिम यूपी, उत्तराखंड में सक्रिय किया गया

आयकर विभाग के उच्च अधिकारियों के मुताबिक पश्चिम उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में अधिकारियों को सक्रिय कर दिया गया है। अब नकदी का कोई भी बड़ा मूवमेंट मिलेगा तो उसमें चुनाव का कनेक्शन भी तलाशा जाएगा। किसी के घर या आफिस में भारी मात्रा में नकदी मिली तो इस संबंध में सवाल होंगे। चुनाव को निष्पक्ष बनाने के लिए लोग आयकर को इसकी गोपनीय रूप से सूचना भी दे सकते हैं।


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