भगवान जगन्नाथ पर बरसे पुष्प, भक्तों ने खींचा रथ
ढोलक मृदंग शहनाई और भजनों की धुन पर थिरकते भक्त। छतों से बरसते पुष्प और रथों पर सवार होकर कृपा लुटाते भगवान जगन्नाथ बलभद्र और सुभद्रा।
जागरण संवाददाता, कानपुर : ढोलक, मृदंग, शहनाई और भजनों की धुन पर थिरकते भक्त। छतों से बरसते पुष्प और रथों पर सवार होकर कृपा लुटाते भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा। यह मनोहारी दृश्य था बिरजी भगत मंदिर जनरलगंज और कत्थेवाला धर्मशाला धनकुट्टी से निकाली गई उमा जगदीश मंदिर के तत्वावधान में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का। बड़े हों या बच्चे और बूढ़े सभी भगवान जगन्नाथ की भक्ति में डूबे हुए थे। आस्था, उत्साह और उमंग का संगम देख लग रहा था मानो देवता भी धरा पर भगवान जगन्नाथ के स्वागत को धरा पर आ गए हों।
बिरजी भगत मंदिर में भक्तों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच प्रभु का अभिषेक किया। महाआरती की और प्रभु को विविध प्रकार के भोग अर्पित किए। जिसके बाद भगवान जगन्नाथ स्वामी विराजमान हुए थे रथ पर। भक्तों ने रथ की डोर थाम ली और 'जय जगन्नाथ जय जगन्नाथ' का उद्घोष वातावरण में गूंज उठा फिर बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ भगवान जगन्नाथ भक्तों को दर्शन देने के लिए निकल पड़े। प्रभु के दर्शन पाने की लालसा बड़ों के साथ बच्चों में भी थी। रथ जहां से भी गुजरा वहां लोगों ने फूलों की वर्षा करके प्रभु का स्वागत किया और आरती उतारी। यात्रा में काहू कोठी, नील वाली गली, नयागंज, बिरहाना रोड, मनीराम बगिया, प्रयाग नारायण शिवाला, मारवाड़ी पुस्तकालय, टोपी बाजार, नयागंज आदि जगहों पर लोगों ने छतों से फूलों की बारिश की। बिरजी भगत मंदिर से निकाली गई रथयात्रा का शुभारंभ डीएम विजय विश्वास पंत व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनंत देव व उद्यमी नरेंद्र शर्मा ने प्रभु की आरती व डोर खींच कर किया। इस अवसर पर मंदिर के प्रबंधक ज्ञानेंद्र गुप्ता, गोपाल गुप्ता, अनुराग गुप्ता, ज्ञानेंद्र विश्नोई, पुष्कर विश्नोई, अरुण अग्रवाल, गोपी कृष्ण ओमर, अभिषेक, अमरीश, रामकिशन, संत मिश्रा, शांति शंकर गुप्त, उमेश, शशांक, ऋषि, अशोक सेठ, विजय राठौर आदि उपस्थित रहे। धनकुट्टी से कत्थेवाले धर्मशाला उमा जगदीश मंदिर की रथयात्रा निकाली गई। वैदिक मंत्रोच्चार व शंखनाद के बीच श्रद्धालुओं ने रथ को खींचा।
श्रद्धालुओं ने लगाई झाड़ू
रथयात्रा में शामिल श्रद्धालुओं के पैरों में कंकड़ न धंसे इसलिए तमाम श्रद्धालु भगवान के रथ के आगे- आगे झाड़ू लगा रहे थे। पूरे रास्ते भर झाड़ू लगाई गई।
प्रभु को मिश्री, मक्खन का भोग
रथयात्रा के समय भगवान जगन्नाथ, सुभ्रदा और बलभद्र जी को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मिश्री, मक्खन, चने और मूंग की दाल, जामुन और आम का भोग लगाया गया।
भजनों पर झूमे श्रद्धालु
'वृंदावन धाम है अपार जपे जा राधे..', 'किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाएं..', 'दुर्गा है मेरी मां अंबे है मेरी मां..', 'जय जय जगन्नाथ तुम ही हो जग के नाथ..' 'महाप्रभु तेरे नाम से जुड़ी हर आस है..' व 'फूलों से संज रहे है मेरे वृंदावन बिहारी लाल..' आदि भजनों पर पूरे रथयात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं से जमकर नृत्य किया।
बारिश बनी रथयात्रा में बाधा
देर शाम बारिश के कारण रथयात्रा के मार्गो पर बारिश का पानी भर जाने के कारण हुए गड्ढों में पानी भर गया। जिसके कारण रथयात्रा मार्ग पर आयोजकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।