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इंडसइंड बैंक घोटाला : कैशियर बोला-रीजनल हेड की अनुमति से दिया पैसा

अब सीएमएम कोर्ट में अब पांच दिसंबर को मामले में बहस होगी।एसएसपी को डाक के जरिए प्रार्थना पत्र भेजा था।

By AbhishekEdited By: Published: Sun, 25 Nov 2018 11:53 AM (IST)Updated: Sun, 25 Nov 2018 05:01 PM (IST)
इंडसइंड बैंक घोटाला : कैशियर बोला-रीजनल हेड की अनुमति से दिया पैसा
इंडसइंड बैंक घोटाला : कैशियर बोला-रीजनल हेड की अनुमति से दिया पैसा
कानपुर, जेएनएन। इंडसइंड बैंक का कैशियर शनिवार को मुकदमा दर्ज कराने की अर्जी लेकर कोर्ट पहुंच गया। मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट मोहम्मद रफी के न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर कैशियर ने बैंक के रीजनल हेड देवांजन गुहा और खाताधारक हिनिश रामचंदानी की मिलीभगत से घोटाला होने की बात कही। मामले में अगली बहस पांच दिसंबर को होगी।
स्वरूप नगर निवासी बैंक के कैशियर राहुल तिवारी ने न्यायालय में प्रार्थना देकर आरोप लगाया कि बैंक के रीजनल हेड देवांजन गुहा हैं जिनके निर्देश पर ही कर्मचारी कार्य करते हैं। बैंक की कैश रिटेंशन लिमिट डेढ़ करोड़ रुपये की है। बैंक के बड़े खाताधारक कारोबारियों को ज्यादा बिजनेस के लिए सुविधाएं दिए जाने का दबाव भी कर्मचारियों पर रहता है। हिनिश रामचंदानी के बैंक में विभिन्न नामों से 11 खाते हैं। इन खातों में कई वर्षों से लाखों-करोड़ों का लेनदेन होता रहा है।
इसलिए इन्हें सहयोग देने के लिए रीजनल हेड के निर्देश प्राप्त हुए थे। रीजनल मैनेजर और शाखा प्रबंधक अमित कुमार के निर्देश पर 10 और 25 अक्टूबर के बीच तीन सिक्योरिटी चेक के एवज में 4 करोड़ 11 लाख 40 हजार 420 रुपये नगद खातों के माध्यम से हिनिश रामचंदानी, अमर कपूर और विनीत को दिए लेकिन उन्होंने छल कपट, धोखाधड़ी, बेईमानी करके बैंक का रुपया हड़प लिया। इसकी जानकारी रीजनल हेड को दी तो वह हमेशा यही कहते रहे कि एडजस्ट हो जाएगा।
26 अक्टूबर को रीजनल हेड बैंक पहुंचे और खजाने में रुपये कम होने पर जमा करने का दबाव बनाया। इस पर अमित शुक्ला से 10 लाख 65 हजार रुपये 26 अक्टूबर और दो नवंबर को जमा कराए गए। कोर्ट में ये दलील दी गई कि बैंक उन्हें फरार मानकर कार्यवाही कर रहा है जबकि निलंबन आदेश में जांच पूरी होने तक बैंक जाने से मना किया गया है।
रीजनल हेड ने स्वयं को और हिनिश रामचंदानी को बचाते हुए अधिकारियों को तहरीर दे दी। राहुल ने प्रार्थना पत्र में हिनिश पर पहले भी बैंकों से अरबों की धोखाधड़ी किए जाने का आरोप लगाया है। इस संबंध में उन्होंने एसएसपी को डाक के जरिए प्रार्थना पत्र भेजाा था लेकिन सुनवाई नहीं हुई। मामले में अधिवक्ता शरद त्रिपाठी ने बताया कि पुलिस रिपोर्ट आ चुकी है। पांच दिसंबर को मुकदमा दर्ज करने को लेकर बहस होगी।  

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