आंख में चोट लगने पर तुरंत कराएं इलाज, लापरवाही में जा सकती रोशनी
आंख में चोट (ट्रामा) के इलाज में लापरवाही से आंख की रोशनी जा सकती है। समय से जांच और इलाज न करने से रेटिना (आंख का पर्दा) खराब हो सकता है।
By Edited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 01:20 AM (IST)Updated: Mon, 05 Nov 2018 10:48 AM (IST)
कानपुर (जागरण संवाददाता)। आंख में चोट (ट्रामा) के इलाज में लापरवाही से आंख की रोशनी जा सकती है। समय से जांच और इलाज न करने से रेटिना (आंख का पर्दा) खराब हो सकता है। यह बातें रविवार को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल की वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. टिंकू वॉली ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज आडिटोरियम में आयोजित यूपी स्टेट ऑफ्थेलमोलॉजिकल सोसाइटी के 53वें वार्षिक अधिवेशन में कहीं।
उन्होंने कहा कि खेलकूद के दौरान यानी क्रिकेट बॉल, बैडमिंटन की शटल कॉक (चिड़िया), धनुष-वाण, पटाखे की चोट यानी ब्लंट इंजरी और सड़क या ट्रेन हादसे में आंख की चोट में फौरन नेत्र चिकित्सक को दिखाएं। चिकित्सक चेक कर पता करें कि आंख के कौन-कौन स्ट्रक्चर डैमेज हुए हैं।
ट्रामा में आंख के पर्दे में छेद, पर्दा उखड़ना और रेटिना में ब्लड आ जाता है। इसमें घबराएं नहीं, सभी विधाओं के नेत्र सर्जन मिलकर इलाज करते हैं। लेजर तकनीक से रेटिना का छेद सील करना संभव है। बिना टांका लगाए 27 गेज विक्टेक्टमी से रेटिना का रक्त साफ हो जाता है। इसमें डॉ. गिरजेश केन (मुरादाबाद), डॉ. डीके डिमरी ( बिजनौर), प्रो. आरएन कुशवाहा, डॉ. शरद बाजपेई, डॉ. जीके मिश्रा, डॉ. शालिनी मोहन, डॉ. पारुल सिंह, डॉ. योगेश सिंह यादव थे।
आंख सुंदर बनाने में अपार संभावनाएं
मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य एवं प्रसिद्ध आक्यूप्लास्टी सर्जन डॉ. आरसी गुप्ता ने कहा कि आई बॉल सुंदरता को लेकर स्त्री एवं पुरुष जागरूक हुए हैं। अब आक्यूप्लास्टी में अपार संभावनाएं हैं। आंखों को सुंदर बनाने के लिए कई प्रोसिजर हैं। इसमें आंखों के नीचे की झुर्रियां खत्म करने को एंटी एजिंग इंजेक्शन, फीलर व इंप्लांट हैं। इनसेट पलक गिरने का है इलाज इलाहाबाद के नेत्र सर्जन डॉ. कमलजीत सिंह ने कहा कि पलक गिरने के कई कारण होते हैं। इसमें चोट लगना, पैरालिसिस, थर्ड नर्व में खराबी, मांसपेशियों में कमजोरी, सेनाइले (बढ़ती उम्र) व माइसथिनिया बीमारी है। इसकी सर्जरी संभव है।
उन्होंने कहा कि खेलकूद के दौरान यानी क्रिकेट बॉल, बैडमिंटन की शटल कॉक (चिड़िया), धनुष-वाण, पटाखे की चोट यानी ब्लंट इंजरी और सड़क या ट्रेन हादसे में आंख की चोट में फौरन नेत्र चिकित्सक को दिखाएं। चिकित्सक चेक कर पता करें कि आंख के कौन-कौन स्ट्रक्चर डैमेज हुए हैं।
ट्रामा में आंख के पर्दे में छेद, पर्दा उखड़ना और रेटिना में ब्लड आ जाता है। इसमें घबराएं नहीं, सभी विधाओं के नेत्र सर्जन मिलकर इलाज करते हैं। लेजर तकनीक से रेटिना का छेद सील करना संभव है। बिना टांका लगाए 27 गेज विक्टेक्टमी से रेटिना का रक्त साफ हो जाता है। इसमें डॉ. गिरजेश केन (मुरादाबाद), डॉ. डीके डिमरी ( बिजनौर), प्रो. आरएन कुशवाहा, डॉ. शरद बाजपेई, डॉ. जीके मिश्रा, डॉ. शालिनी मोहन, डॉ. पारुल सिंह, डॉ. योगेश सिंह यादव थे।
आंख सुंदर बनाने में अपार संभावनाएं
मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य एवं प्रसिद्ध आक्यूप्लास्टी सर्जन डॉ. आरसी गुप्ता ने कहा कि आई बॉल सुंदरता को लेकर स्त्री एवं पुरुष जागरूक हुए हैं। अब आक्यूप्लास्टी में अपार संभावनाएं हैं। आंखों को सुंदर बनाने के लिए कई प्रोसिजर हैं। इसमें आंखों के नीचे की झुर्रियां खत्म करने को एंटी एजिंग इंजेक्शन, फीलर व इंप्लांट हैं। इनसेट पलक गिरने का है इलाज इलाहाबाद के नेत्र सर्जन डॉ. कमलजीत सिंह ने कहा कि पलक गिरने के कई कारण होते हैं। इसमें चोट लगना, पैरालिसिस, थर्ड नर्व में खराबी, मांसपेशियों में कमजोरी, सेनाइले (बढ़ती उम्र) व माइसथिनिया बीमारी है। इसकी सर्जरी संभव है।
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