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सावधान! मोबाइल पर है खतरनाक सुपर बग, डिस्कशन में सामने आया चौंकाने वाला सच

आइएमए सीजीपी के रिफ्रेशर कोर्स डिस्कशन में बताया गया कि सुपर बग पर दवाएं भी बेअसर हैं।

By AbhishekEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 04:49 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 04:49 PM (IST)
सावधान! मोबाइल पर है खतरनाक सुपर बग, डिस्कशन में सामने आया चौंकाने वाला सच
सावधान! मोबाइल पर है खतरनाक सुपर बग, डिस्कशन में सामने आया चौंकाने वाला सच

कानपुर, जेएनएन। अबतक हम इतना ही समझ रहे थे कि मोबाइल की लत बेहद नुकसानदेह है और उसका ज्यादा उपयोग मानसिक रूप से बीमार कर सकता है। लेकिन आइएमए सीजीपी के रिफ्रेशर कोर्स में डिस्कशन में एक चौंकाने वाला सच सामने आया है। डॉक्टरों ने जानकारी दी है कि मोबाइल फोन पर खतरनाक सुपर बग है, जिसपर दवाएं भी बेअसर हैं। इसके चलते अमेरिका के अस्पतालों में मोबाइल के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा है।

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घातक बैक्टीरिया का घरौंदा बना मोबाइल फोन

रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन चुका आपका मोबाइल फोन या स्मार्ट फोन सुपर बग जैसे घातक बैक्टीरिया का घरौंदा बनता जा रहा है। इसको लेकर हुए कई अध्ययनों में मोबाइल में कई घातक बैक्टीरिया मिलने की पुष्टि हुई हैं, जिन पर दवाएं भी बेअसर हैं। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज सभागार में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के कॉलेज ऑफ जनरल प्रैक्टिसनर्स (आइएमए सीजीपी) के 37वें वार्षिक रिफ्रेशर कोर्स में स्मार्ट फोन और स्वास्थ्य पर डिस्कशन में कई बातें सामने आईं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) इंजीनियर व इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में सिग्नल प्रॉसेस में पीएचडी कर रहीं मंजीत मजूमदार व नंदिनी ने मोबाइल के साइड इफेक्ट बताए।

मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डॉ. विकास मिश्रा ने बताया कि सेहत पर मोबाइल को लेकर रिसर्च भी हुए हैं। मोबाइल में कई घातक बैक्टीरिया मिले हैं, जिन पर दवाएं बेअसर साबित हो रही हैं। एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बैक्टीरियल संक्रमण फैलाने में इनका अहम रोल है। इस भयावह स्थिति को देखते हुए अमेरिका के अस्पतालों में मोबाइल के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

टॉयलेट सीट से ज्यादा बैक्टीरिया मोबाइल पर

उन्होंने बताया कि अध्ययन में यह भी खुलासा हुआ है कि मोबाइल फोन पर टॉयलेट सीट से सात गुना अधिक बैक्टीरिया पाए जाते हैं वहीं लेदर कवर वाले मोबाइल में टॉयलेट सीट से 17 गुना अधिक बैक्टीरिया पाए जाते हैं।

इन बीमारियों का रहता खतरा

प्रोग्राम डायरेक्टर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन के प्रो. राकेश चंद्रा ने कहा कि मोबाइल के अधिक इस्तेमाल से अल्जाइमर, पार्किंसन व ब्रेन ट्यूमर का खतरा रहता है। मोबाइल की रोशनी से आंख की रोशनी प्रभावित होती है। गर्दन व स्पाइन में दर्द होता है इसलिए बच्चों को अधिक मोबाइल न देखने दें।

अल्कोहल की तरह ही स्मार्ट फोन की लत

मंजीत ने बताया कि मोबाइल फोन की लत अल्कोहल की तरह ही है। एक हजार बच्चों पर 24 घंटे अध्ययन किया गया। उनका मोबाइल उनसे ले लिया गया। ऐसे बच्चे 24 घंटे एक दम बेचैन रहे। कमरे में दिनभर भटकते रहे, उनका किसी कार्य में मन भी नहीं लगा। इसी तरह मोबाइल पर बार-बार मैसेज या कॉल आने से बच्चों का पढ़ाई से मन नहीं लगता है। रात में सोते समय मोबाइल का इस्तेमाल करने से ब्रेन में हानिकारक केमिकल बनने लगते हैं, जिससे अनिद्रा की स्थिति उत्पन्न होती है।


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