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जिम्मेदारों की सरपरस्ती में सेंट्रल स्टेशन पर चल रहा अवैध वेंड¨रग का खेल

दैनिक जागरण ने आरपीएफ और रेलवे के रियलिटी चेक की तो सामने आई स'चाई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Dec 2018 01:40 AM (IST)Updated: Sat, 08 Dec 2018 02:57 AM (IST)
जिम्मेदारों की सरपरस्ती में सेंट्रल स्टेशन पर चल रहा अवैध वेंड¨रग का खेल
जिम्मेदारों की सरपरस्ती में सेंट्रल स्टेशन पर चल रहा अवैध वेंड¨रग का खेल

कानपुर, जागरण संवाददाता। 24 नवंबर को स्टेशन डायरेक्टर डॉक्टर जितेंद्र कुमार ने दो दिन लगातार अभियान चलाकर दो दर्जन अवैध वेंडरों को पकड़ा था। दावा किया गया कि सेंट्रल स्टेशन पर अवैध वेंड¨रग की कमर तोड़ दी गई है। गुरुवार को दैनिक जागरण ने आरपीएफ और रेलवे के इस दावे की रियलिटी चेक की तो सच्चाई कुछ और ही सामने आई। जिम्मेदारों की सरपरस्ती में ही सेंट्रल स्टेशन पर अवैध वेंड¨रग का खेल बदस्तूर चलता मिला। जिस समय जागरण की टीम ने रियलिटी चेक की, उस वक्त सेंट्रल स्टेशन पर पांच-दस नहीं बल्कि सत्तर से अस्सी अवैध वेंडर मौजूद थे। स्टेशन डायरेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार ने बताया कि सेंट्रल स्टेशन पर कई बार छापेमारी की, लेकिन अवैध वेंड¨रग रुक नहीं रही है। बेहद सुनियोजित तरीके से इसे संचालित किया जा रहा है। आरपीएफ इसकी कमर नहीं तोड़ पा रही है।

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सर्दियों में जेब गरम करती चाय

सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर गर्मियों में पानी तो जाड़े में गर्म चाय का कारोबार जोरों पर होता है। दिल्ली इंड पर रेलवे स्टेशन से सटे टूटे आवासीय परिसर में अवैध चाय की कैंटीन है, जहां से रेलवे स्टेशन पर चाय का कारोबार संचालित होता है। करीब तीस से चालीस अवैध वेंडर दिन भर स्टेशन परिसर में चाय बेचने का काम करते हैं। अनुमान के मुताबिक सेंट्रल स्टेशन पर चाय की रोजाना खपत करीब तीन लाख रुपये की है। इसका एक बड़ा हिस्सा मुट्ठी गर्म करने के लिए निकाला जाता है। इसीलिए आरपीएफ के सिपाही व खानपान विभाग के अफसर देखते हुए भी आंख मूंद लेते हैं।

ठेके पर चल रहे रेलवे के ठेले

रेलवे स्टेशन पर आम यात्रियों को खाने के लिए तीन ठेलियां हैं, जिसमें तीन-तीन सरकारी कर्मचारियों की तैनाती है। मगर, सच्चाई यह है कि ठेले ठेके पर उठे हैं। इन्हें अवैध वेंडर ही संचालित करते हैं और मनमाने तरीके यात्रियों को लूटा जाता है। इन ठेलों से रेलवे आहार के नाम पर रेलवे का नहीं बल्कि बाहर से बनकर आया खाना सप्लाई होता है। जागरण की टीम ने खपरा मोहाल पुल के पास स्थित हनुमान मंदिर में अवैध रूप से एकत्र किए गए रेल आहार की खेप भी पकड़ी। रेल आहार लिखे पैकेट बेचते हुए कई अवैध वेंडर भी मिले। जानकारों के मुताबिक रोजाना पांच लाख रुपये का बाहरी खाना रेल आहार के नाम से स्टेशन पर बेचा जा रहा है। और भी हैं

केवल इतना ही नहीं बल्कि पानी और डिब्बा बंद खाने को बेचने वाले करीब डेढ़ दर्जन अवैध वेंडर स्टेशन पर सक्रिय मिले। ई कैट¨रग वाले रेस्टोरेंट का खाना भी अवैध वेंडर बेचते हुए मिले।


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