कानपुर में केडीए की नहीं दिखी सख्ती, रतनलाल नगर में नोटिस देने के बाद भी तन गई अवैध इमारतें
कानपुर के रतनलाल नगर में पिछले तीन साल से लगातार इमारतें बन रही है। केडीए ने कई बार नोटिस भी दिया इसके बावजूद भी अवैध इमारतें तनती गई है। वहीं बनकर तैयार हुई इन इमारतों में अब लोग भी रहने लगे है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। शहर में मानकों को ताख पर रखकर बहुमंजिला इमारतें बनाने का खेल कुछ अजब अंदाज में चल रहा है। केडीए निर्माण रोकने की कोशिश तो करता दिखता रहा और इसके उलट इमारतें तन भी गईं। तमाम कथित प्रयासों के बावजूद केडीए इन अवैध इमारतों को बनने से नहीं रोक सका। केडीए का दस्ता बिल्डरों को दिखावे के लिए नोटिस पर नोटिस देता रहा। बनकर तैयार इन इमारतों में अब लोग रहने लगे है। फाइल भी कागज में बंद हो गई और बिल्डर भी फ्लैट बेचकर निकल गया।
साउथ सिटी के रतनलाल नगर में पिछले तीन साल से लगातार इमारतें बन रही हैं। करीब दो दर्जन इमारतें मानक के विपरीत बन गई हैं जबकि कार्रवाई के नाम पर दिखावा हुआ। केवल दो इमारतें सील करके केडीए का दस्ता शांत बैठ गया और बिल्डरों ने फिर निर्माण शुरू कर दिया है।
रतनलाल नगर में शायद ही कोई ऐसी सड़क या गली होगी, जहां दो सौ वर्ग मीटर के मकानों में अपार्टमेंट न खड़े हो रहे हैं। भवन के नक्शे की आड़ में अपार्टमेंट बन रहे हैं। रसूखदारों का हाथ होने के कारण दस्ता भी केवल खानापूरी करके लौट जाता है। ऐसा नहीं कि नोटिस नहीं दी गई। हर भवन की नोटिस कटी है लेकिन, कार्रवाई कुछ नहीं हुई। नोटिस की एक कापी पुलिस को भी जाती है लेकिन, पुलिस भी कोई कार्रवाई नहीं करती है। सुविधा शुल्क से लेकर रसूखदारों का दबाव होने के चलते सब कागज में ही चलता है।
200 वर्गमीटर के भवन में 12 फ्लैट- स्थिति यह है कि दो सौ वर्गमीटर के भवन में 12 फ्लैट बन गए हैं। जहां एक परिवार रहता था, वहां अब 12 परिवार रह रहे है। पार्किंग भी गायब है। सड़क पर वाहन खड़े होने के कारण जाम लगता है।
जिम्मेदार बोले- मानक के विपरीत बन रहे निर्माणों को नोटिस दी गई है। इन पर कार्रवाई की जाएगी। दस्ते को मानक के विपरीत बन रहे निर्माण रोकने के आदेश दिए हैं।- सत शुक्ला, विशेष कार्याधिकारी केडीए