जहां से चलती शहर की सरकार, वहीं गंदगी, शहर में सफाई का ढिंढोरा
फैली गंदगी खुद व्यवस्था की खोल रही पोल, इज्जतघर में पानी की टंकी एक माह से जुड़ी नहीं
जागरण संवाददाता, कानपुर : स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान का पूरे शहर में ढिंढोरा पीटा जा रहा है लेकिन हालत यह है कि मोतीझील परिसर गंदा पड़ा है। गंदगी व्यवस्था की पोल खोल रही है। वहीं खुले में लघुशंका करने से रोकने को मूत्रालय बना दिया लेकिन टंकी को अभी तक नहीं जोड़ा है। गंदगी के कारण खुले में लोग इज्जतघर जाने को मजबूर है। नगर निगम परिसर के पीछे का यह हाल है तो अंदाजा लगा सकते है कि शहर की क्या स्थिति होगी?
स्वच्छ भारत अभियान के तहत पूरे शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण का परीक्षण केंद्रीय टीम कर रही है। साथ ही खुले में शौच रोकने के अभियान को भी देख रही है। इसके बाद भी अफसर नहीं चेत रहे है। नगर निगम में अफसरों में खींचतान दिखाई दे रही है। सामंजस्य नजर नहीं आ रहा है।
नगर निगम परिसर के पीछे ऑफीसर कॉलोनी के पास कूड़ा रखने के लिए कंटेनर रखा गया है लेकिन कूड़ा आधा ट्रक से ज्यादा सड़क पर फैला पड़ा है। लीकेज के चलते आधा सड़क खोदी पड़ी है।
वहीं नगर निगम परिसर के ठीक पीछे नया पेशाबघर बनाया गया है, एक माह से ज्यादा हो गया है लेकिन अभी तक टंकी नहीं जोड़ी गई है। गंदा पड़ा है। नगर निगम में आए राकेश तिवारी, रमेश ने बताया कि ऐसे गंदे पेशाबघर में जनता कैसे जाएगी और बीमारी हो जाएगी।
विवरण - नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान में सफाई को लेकर पूरे शहर में ढिंढोरा पीट रहा है। लाखों रुपये स्वच्छता के नाम पर डिवाइडर और दीवारों की पुताई में खर्च किया जा रहा है, लेकिन नगर निगम के पीछे फैली गंदगी और रखा कबाड़ नहीं नजर आ रहा है। शौचालय बना दिया है लेकिन टंकी नहीं चालू की है।