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गोवा के 'केरी बीच' पर दौड़ी आइआइटियंस की 'एटीवी कार'

मेगा एटीवी चैलेंज में 13वीं रैंक के साथ बनाई जगह नाइट रेस में चार घंटे दौड़कर 12वां स्थान प्राप्त किया

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Mar 2019 01:46 AM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 01:46 AM (IST)
गोवा के 'केरी बीच' पर दौड़ी आइआइटियंस की 'एटीवी कार'
गोवा के 'केरी बीच' पर दौड़ी आइआइटियंस की 'एटीवी कार'

विक्सन सिक्रोड़िया, कानपुर : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर के छात्रों ने एक ऐसी कार बनाई है जो 45 डिग्री की टेढ़ी चढ़ाई पर 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम है। उनकी यह 'एटीवी' कार गोवा में हुई मेगा एटीवी चैलेंज कार रेस में दौड़ी और 13वीं रैंक हासिल की। गोवा के 'केरी बीच' पर हुई प्रतियोगिता में देश के नामी गिरामी संस्थानों के छात्रों व प्रोफेशनल्स की कारों ने भी अपने जलवे बिखेरे।

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18 से 20 मार्च तक हुई एटीवी कार रेस में आइआइटी के 28 छात्र-छात्राओं की सोच से बनी दस हार्स पॉवर व 305 सीसी की कार भी दौड़ी। स्टील, ग्लास व कार्बन फाइबर से तैयार इस कार का प्रजेंटेशन प्रतियोगिता में शानदार रहा। साल भर की शोध के बाद छात्रों ने 161 किलो वजन की कार तैयार की। इसकी डिजाइन ऐसी बनाई गई है कि यह उलटी होने पर जरा सा सपोर्ट मिलते ही सीधी हो जाती है। मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिग व मैथमेटिक्स समेत अन्य ब्रांच के बीटेक छात्रों ने अलग-अलग शोध कार्य किया।

एटीवी कार चैलेंज के अंतर्गत कार ने दो प्रतियोगिताओं में अपने जलवे दिखाए। पहली प्रतियोगिता दिन में हुई जिसमें इसने ऊबड़ खाबड़ रास्तों पर सरपट दौड़ते हुए अपनी क्षमता दिखाई। दूसरी, नाइट रेस में चार घंटे लगातार फर्राटा भरकर दूसरी कारों को पीछे छोड़ते हुए 12वां स्थान प्राप्त किया। टीम में शामिल मैथमेटिक्स विभाग के छात्र भविष्य ने बताया कि इस रेस में 12वां व 13वां स्थान अच्छा माना जाता है। यह स्थान बड़ी मुश्किल से मिलता है क्योंकि इसमें प्रोफेशनल्स व कार रेस एक्सपर्ट भाग लेते हैं। प्रतियोगिता में देश भर से चुनकर आई सौ टीमों ने भाग लिया।

स्टार्टअप की ओर बढ़ा रहे कदम

आइआइटी छात्र इसके पहले फार्मूला स्टूडेंट कार बना चुके हैं जो पिछले वर्ष कोयंबटूर में हुई एफएस-1 रेस में दौड़ी थी। टीम से कार का प्रजेंटेशन देने के साथ इसे मार्केट में किस तरह उतारा जाए इस पर सवाल पूछे गए थे। स्टार्टअप से जोड़कर भी प्रश्न पूछे गए। छात्रों ने बताया कि इस तरह की कारें निर्मित करके हम स्टार्टअप स्थापित कर सकते हैं, जिस पर काम चल रहा है।


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