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अब नहीं बच सकेंगे जासूसी करने वाले ड्रोन, पकड़ लाएगा देश का पहला 'मिनी हेलीकॉप्टर'

आइआइटी के पूर्व छात्र ने अनमैंड ट्रैपिंग एयर व्हीकल बनाया है, जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस मॉड्यूल से संदिग्ध ड्रोन खोज निकालेगा।

By AbhishekEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 03:04 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 03:30 PM (IST)
अब नहीं बच सकेंगे जासूसी करने वाले ड्रोन, पकड़ लाएगा देश का पहला 'मिनी हेलीकॉप्टर'
अब नहीं बच सकेंगे जासूसी करने वाले ड्रोन, पकड़ लाएगा देश का पहला 'मिनी हेलीकॉप्टर'
विक्सन सिक्रोडिय़ा, कानपुर। सैन्य क्षेत्रों, निषिद्ध स्थानों और वीआइपी जगह पर ड्रोन से जासूसी कराने के मामले सामने आ चुके हैं। अक्सर ये ड्रोन चोरी-छिपे जानकारी जुटाकर निकल जाते हैं और पकड़ से बाहर रहते हैं। लेकिन अब जासूसी करने वाले ड्रोन बचकर नहीं जा सकेंगे। निषिद्ध क्षेत्रों में उड़ान भरने वाले संदिग्ध ड्रोन को आइआइटी में बना देश का पहला 'मिनी हेलीकॉप्टर' गिरफ्त में लेकर जमीन पर उतार लाएगा।
ढाई से तीन घंटे तक भर सकता उड़ान
एयरोस्पेस विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.अभिषेक के दिशा निर्देश में एयरोस्पेस इंजीनियङ्क्षरग में बीटेक-एमटेक डुअल डिग्री के छात्र रहे अंकुर दुहुन ने इंड्योर एयर सिस्टम्स स्टार्टअप के तहत इसे तैयार किया है। 12 किलो का यह मिनी अनमैंड हेलीकॉप्टर 120 किमी. की रफ्तार से लगातार ढाई से तीन घंटे तक उड़ सकता है। स्प्रिंग मैकेनिज्म का इस्तेमाल करके इसमें जाल लोड किया गया है, जो प्रोग्र्रामिंग के बाद ड्रोन को फंसा लेगा।
प्रोग्र्रामिंग के बाद बिना रिमोट उड़ेगा
पांच किलो वजन उठाकर उसे दूसरे स्थान तक ले जाने में सक्षम यह हेलीकॉप्टर स्वचलित है। इसे चलाने को रिमोट की जरूरत नहीं है बल्कि एक बार प्रोग्रामिंग होने के बाद यह उड़ता रहेगा।
सेंसर-कैमरे की मदद से ट्रेस करेगा
'मिनी हेलीकॉप्टर' में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस मॉड्यूल का इस्तेमाल करके सेंसर व कैमरा लगाया गया है, जो हवा में ड्रोन को टे्रस करते हैं। ड्रोन ट्रेस होते ही यह जाल उस पर छोड़ दिया जाता है जो उसे फंसाकर जमीन पर ले आता है। आइआइटी की एयर स्ट्रिप लैब में प्रयोग में मिनी हेलीकॉप्टर ने बेहतर परिणाम दिए।
कार्बन फाइबर से बना, रफ्तार जबरदस्त
मिनी हेलीकॉप्टर का डिजाइन इस तरह तैयार किया गया है जिससे तेज रफ्तार से उड़ सके। इसकी बॉडी व ब्लेड दोनों कार्बन फाइबर से बनाए गए हैं। पीक मैटीरियल से इसका गेयर बना है। जिससे यह हल्का होने के साथ मजबूत भी है। इसमें 2.6 लीटर का पेट्रोल टैंक है।
ड्रोन से काफी ज्यादा क्षमतावान
ड्रोन एक से पांच किलोग्राम वजन का होता है जो बैटरी से महज 20 से 25 मिनट उड़ सकता है और उसकी गति 60 किमी. होती है जबकि मिनी हेलीकॉप्टर उससे कहीं अधिक क्षमतावान है।
ड्रोन को लेकर नियम पालन कराने में होगा मददगार
एयरपोर्ट के आसपास, वीआइपी सभाओं में, एयरफोर्स क्षेत्र व ऊंची इमारतों के करीब ड्रोन उड़ाने पर प्रतिबंध है। एयरपोर्ट व उसके समीप ड्रोन उडऩे पर कई बार उड़ानें रद की गई हैं जबकि कई बार लेट भी हुई हैं। इसके बावजूद कई लोग मनमाने तरीके से ड्रोन उड़ाते हैं। अब इसको लेकर डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने इसके लिए सख्त नियम बनाए हैं। उल्लंघन पर जुर्माने का भी प्रावधान है। ऐसे में यह मिनी हेलीकॉप्टर ड्रोन पकडऩे में काफी मददगार साबित होगा।

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