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ऊर्जा और चिकित्सा के क्षेत्र में बेहतर काम के लिए आइआइटी के इन प्रोफेसरों का होगा सम्मान, जानिए- कैसे पाई उपलब्धि

संस्थान के फैकल्टी की उपलब्धि पर निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने ट्वीट कर बधाई दी है। आइआइटी प्रोफेसर्स की मेहनत लगन और रचनात्मक सोच समाज में परिवर्तन लाने का काम करती है। कोरोना संकट के समय उपलब्ध कराए सस्ते वेंटीलेटर और सौ रुपये की कीमत तक की पीपीई किट।

By ShaswatgEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 11:17 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 12:47 PM (IST)
ऊर्जा और चिकित्सा के क्षेत्र में बेहतर काम के लिए आइआइटी के इन प्रोफेसरों का होगा सम्मान, जानिए- कैसे पाई उपलब्धि
पिछले वर्ष भी प्रोफेसर को मिला था सम्मान।

कानपुर, जेएनएन। शिक्षा और शोध के क्षेत्र में आइआइटियंस का डंका देश ही नहीं दुनिया भर में बज रहा है। वह चाहे छात्र हों या फिर उनको पढ़ाने वाले प्रोफेसर सब के सब अपने क्षेत्र के महारथी हैं। उनकी मेहनत, लगन और रचनात्मक सोच समाज में परिवर्तन लाने का काम कर रही है। इसका उदाहरण कोरोना वायरस के संक्रमण काल में देखने को मिला है। एक से बढ़कर एक शोध किए गए, जिनके दम पर न सिर्फ सस्ते वेंटीलेटर तैयार हुए, बल्कि सौ रुपये कीमत की पीपीई किट तक बना डाली। ताजा मामला दो प्रोफेसरों का है, जिन्हें देश के नामी अवार्ड से नवाजा जाएगा। पहला ऊर्जा क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. एसएन सिंह को एनपीएससी एकेडमिक एक्सीलेंस अवार्ड 2020 मिलेगा, जबकि बायोलॉजिकल साइंस एंड बायोइंजीनियरिंग के प्रो. अरुण शुक्ला को चिकित्सा क्षेत्र में कई शोध करने के लिए ओपीपीआइ यंग साइंटिस्ट पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया जाएगा। संस्थान के फैकल्टी की उपलब्धि पर निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने ट्वीट कर बधाई दी है। 

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लंबे समय से ऊर्जा के क्षेत्र में कर रहे काम 

प्रो. एसएन सिंह लंबे सममय से उर्जा के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। उनके द्वारा कई तरह के शोध पत्र भी प्रस्तुत किए गए हैं, जिसमें नई तकनीक भी शामिल हैं। प्रो. सिंह को पिछले साल आइईईई पावर एंड एनर्जी सोसाइटी डिस्टिंग्विस्ड लेक्चर और आइईईई इंडस्ट्री एप्लीकेशन सोसाइटी डिस्टिंग्विस्ड लेक्चर का पुरस्कार मिल चुका है। लाइफ टाइम एचीवमेंट, प्रो. जीके दुबे मेमोरियल लाइफ टाइन एचीवमेंट, आइएनएई आउट स्टैंडिंग टीचर अवार्ड से नवाजा जा चुका है। प्रो. सिंह ने बीटेक केएनआइटी सुल्तानपुर से किया, जबकि एमटेक और पीएचडी की डिग्री आइआइटी से हासिल की। इससे पहले यूपी स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में असिस्टेंट इंजीनियरिंग प्लानिंग और असिस्टेंट इंजीनियर के पद पर काम किया। इसके बाद एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, थाईलैंड से पोस्ट डाक किया। आइआइटी में अप्रैल 2002 से हैं। पांच साल मदन मोहन मालवीय टेक्निकल यूनिवर्सिटी में वीसी के पद पर काम किया। जुलाई 2002 से आइआइटी में हैं। 

कई तरह के मार्कर तैयार किए

बीएसबीई के प्रो. अरुण शुक्ला ने शरीर के सेल्स के सहारे कई तरह के मार्कर तैयार किए हैं। इसको अंतरराष्ट्रीय जरनल में प्रकाशित किया गया है। वह कई तरह के सेल्स पर काम कर रहे हैं, जिनसे बीमारियों का बहुत जल्दी पता लग सकेगा, जिससे रोगियों को सहूलित मिलेगी। प्रो. शुक्ला ने बायोटेक्नोलाॉजी से एमएससी जेएनयू से किया, जबकि पीएचडी मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट ऑफ बायोफिजिक्स, जर्मनी से किया।


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