प्रदूषण की बदनामी से कानपुर को बचाएगा पानी का फव्वारा, जानिए- कैसी प्लानिंग कर रहा आइआइटी
कानपुर के चौराहों पर धूल और वाहनों के प्रदूषण की मात्रा कम करने के लिए आइआइटी नगर निगम और जिला प्रशासन मिलकर मास्टर प्लान तैयार कर रहे हैं।
कानपुर, [शशांक शेखर भारद्वाज]। प्रदूषण को लेकर शहर का नाम देश-दुनिया तक में बदनाम हो चुका है, अब इसे कम करने के लिए आइआइटी ने प्लानिंग शुरू की है। इसके लिए पानी के फव्वारों को हथियार बनाया जाएगा। नगर निगम और जिला प्रशासन के साथ आइआइटी के विशेषज्ञ मास्टर प्लान तैयार करने जा रहे हैं। इसमें वाहनों के धुएं और सड़क पर उड़ने वाली धूप को कम करने पर काम होगा।
आइआइटी के अधिकारियों संग बैठक में बनेगा मास्टर प्लान
नगर निगम, केडीए और जिला प्रशासन के अधिकारियों की बैठक आइआइटी के सिविल इंजीनियरिंग के विशेषज्ञों के साथ होगी। बैठक में शहर के अंदर का प्रदूषण कम करने के लिए मास्टर प्लान बनेगा। आइआइटी के विशेषज्ञों ने शहर में रोजाना निकलने वाले धुआं, गैस, धूल आदि पर काम किया है।
मास्टर प्लाने में शामिल होंगी ये बातें
मास्टर प्लाने में सड़कों पर ऑटोमैटिक मशीनों से सफाई और उस पर पानी का छिड़काव करने समेत प्रमुख चौराहों पर पानी के फाउंटेन लगाने की बातें शामिल होंगी। पानी के फव्वारे पर्दे की तरह काम करेंगे, जो यह वाहनों से निकलने वाले धुएं और धूल के कणों को अवशोषित कर सकेंगे। सबसे पहले तीन चौराहों लाल इमली, चावला मार्केट और केशवपुरम स्थित शनेश्वर पर फाउंटेन बनाने की तैयारी है। वहीं माल रोड, वीआइपी रोड के साथ ही जीटी रोड की सफाई मशीनों से कराई जाएगी।
इस तरह बनेगा पानी का पर्दा
नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि चौराहों पर गोल फाउंटेन बनाया जाएगा। उसमें लंबी और सीधी रेखा में बहुत महीन बौछार छोडऩे वाले फव्वारे लगाए जाएंगे। इनसे पानी की अतिसूक्ष्म बूंदें काफी ऊंचाई तक जाएंगी और चारों ओर की सड़कों को कवर करेंगे। इन चौराहों पर सिग्नल की व्यवस्था रहेगी, जिससे वाहनों से निकलने वाला धुआं फव्वारों के कणों से मिलकर जमीन पर आ जाएगा। इन फव्वारों से व्यक्ति भीगेगा नहीं। जहां गोल फाउंटेन नहीं लग सकेगा, वहां ऊंचाई पर फाउंटेन लगाए जाएंगे।
सड़क के किनारे लगेगी घास
नगर निगम सड़क के किनारे कच्ची जगहों पर घास लगाएगा। इसके लिए सामाजिक संस्थाओं और कंपनियों से सहयोग लिया जाएगा। सहयोग देने वाली कंपनियां वहां पर अपने उत्पाद का छोटा सा विज्ञापन भी लगा सकेंगी। पहले की तीन खराब पड़ी मशीनें ठीक हो गई हैं, जबकि तीन और मशीनों को खरीदने का टेंडर हो चुका है।