टाइम्स की रैंकिंग में आइआइटी कानपुर तीन पायदान ऊपर चढ़ा, जानिए क्या रही हैं उपलब्धियां
टाइम्स की हायर एजुकेशन यूनिवर्सिटी रैंकिंग में 46वां स्थान, देश के शिक्षण संस्थानों में चौथा नंबर।
कानपुर, [जागरण स्पेशल]। दुनिया के नामी गिरामी विश्वविद्यालयों की टाइम्स हायर एजुकेशन यूनिवर्सिटी ने रैंकिंग जारी कर दी है। वल्र्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग-2019 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर ने 46वें स्थान पर जगह बनाई है। पिछले साल की तुलना में इस साल तीन पायदान ऊपर चढ़ गया है, वर्ष 2018 में टाइम्स हायर एजुकेशन यूनिवर्सिटी रैंकिंग में 49वें स्थान पर था। इसके साथ ही आइआइटी कानपुर देश के भारतीय संस्थानों की सूची में अब चौथे स्थान पर पहुंच गया है।
आइआइटी कानपुर में कंप्यूटर साइंस, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, केमिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग समेत 13 ब्रांच में 827 सीटों पर प्रतिवर्ष छात्रों को प्रवेश दिया जाता है। इंजीनियरिंग व प्रौद्योगिकी की चुनौतियों का समाधान करने के लिए स्थापित इंपेक्टिंग रिसर्च इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी (इमप्रिंट) का नेतृत्व आइआइटी कानपुर को सौंपा गया है। जिसके तहत यहां के प्रोफेसर अनुसंधान योजनाएं विकसित कर रहे हैं। इस कार्यक्रम के अंतर्गत बनाए गए अलग अलग डोमेन का राष्ट्रीय समन्वयक आइआइटी कानपुर को बनाया गया है।
आइआइटी की उपलब्धियां
- जानवरों पर परीक्षण के लिए विवेरियम बिल्डिंग का निर्माण।
- उन्नत भारत अभियान के तहत पांच गांव गोद लिए।
- हेल्थ सेंटर में विशेषज्ञ बढ़ाए गए।
- सिडबी इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेंटर का कंपनी में तब्दील किया गया।
- नेशनल एयरोसोल फेसेलिटी सेंटर बना।
- फ्लेक्सिबिल इलेक्ट्रॉनिक सेंटर बनकर हुआ तैयार।
- रिसर्च पार्क का निर्माण कार्य शुरू।
- विदेशी विश्वविद्यालयों से आमंत्रित किए जाएंगे प्रोफेसर।
हीरक जयंती वर्ष मना रहा संस्थान
आइआइटी कानपुर अपनी स्थापना के 60 साल पूरा करने के बाद हीरक जयंती वर्ष मना रहा है। जल व वायु प्रदूषण का निदान तलाशने के लिए इसी वर्ष यहां सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी सेंटर स्थापित होने जा रहा है। यहां प्रदूषण दूर करने की नई तकनीकी इजाद करने के साथ कचरा, सीवेज, बायोमेडिकल धातु, कार्बनिक अपशिष्ट प्रबंधन पर शोध किया जाएगा। निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने 2020 तक 550 फैकल्टी नियुक्त करने का लक्ष्य रखा है जबकि अभी 419 फैकल्टी पढ़ा रहे हैं। इसके अलावा कैंपस प्लेसमेंट के पहले चरण में 80 फीसद से अधिक छात्रों को नौकरी के ऑफर मिल चुके हैं।