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एक स्ट्रिप और तीन काम, Sugar, heart and Kidney रोगियों के लिए वरदान होगी IIT Kanpur में विकसित तकनीक

आइअाइटी के रिसर्च स्कॉलर ने ऐसी डिवाइस विकसित की है जिससे शुगर क्रिएटनिन और कोलेस्ट्रॉल की जांच की जा सकेगी। तीन साल के शोध और सफल नतीजों के बाद पेटेंट कराया गया है। इससे मधुमेह किडनी और हृदय रोगियों की जांच आसान होगी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Fri, 01 Jan 2021 07:57 AM (IST)Updated: Fri, 01 Jan 2021 07:57 AM (IST)
एक स्ट्रिप और तीन काम, Sugar, heart and Kidney रोगियों के लिए वरदान होगी IIT Kanpur में विकसित तकनीक
आइआइटी कानपुर का शोध सफल हुआ है।

कानपुर, [विक्सन सिक्रोडिय़ा]। मधुमेह, किडनी और हृदय रोगियों के सामने रूटीन जांच कराना सबसे बड़ी चुनौती होती है। कभी समय नहीं होता तो कई बार डायग्नोस्टिक सेंटर में मरीजों की लंबी कतार के कारण जांच में बहुत समय लगता है। अब निकट भविष्य में इस समस्या से छुटकारा मिलेगा। आइआइटी के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो.निशीथ वर्मा के निर्देशन में रिसर्च स्कॉलर हैदर अली ने एक ऐसी इलेक्ट्रोड स्ट्रिप डिवाइस विकसित की है, जो मरीजों को बड़ी राहत देगी। इस डिवाइस की मदद से वह कुछ ही पलों में शुगर, सीरम क्रिएटिनिन व कोलेस्ट्रॉल का स्तर देख सकेंगे।

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देश में ये ऐसी पहली कांपैक्ट डिवाइस होगी, जो सिर्फ यही नहीं बताएगी कि आपका शुगर, क्रिएटिनिन व कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ा हुआ है, बल्कि यह उनकी रीडिंग भी बता देगी। इसमें लगे इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले में मरीज का पूरा रिकॉर्ड आ जाएगा। आइआइटी की प्रयोगशाला में इसका सफल परीक्षण किया जा चुका है। तीनों जांचों के लिए 50 एमएल खून के सैंपल की आवश्यकता होती है। रिसर्च स्कॉलर हैदर अली ने बताया कि यह डिवाइस ऑटोलैब बेस्ड है। यह तीन भागों में काम करती है। पहला भाग कोलेस्ट्रॉल, दूसरा भाग ग्लूकोज व तीसरा भाग क्रिएटिनिन को जांचेगा। कार्बन बेस्ड इलेक्ट्रोड के जरिए इसे तैयार किया गया है।

इसकी खासियत ये होगी कि इसे ग्लूकोमीटर की तरह इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसे चलाना बेहद आसान होगा। सिर्फ बटन दबाने पर यह काम करने लगेगी। इसकी कीमत भी इतनी होगी, जो आम आदमी के बजट में रहेगी। तीन साल के शोध और सफल नतीजों के बाद इसकी तकनीक पेटेंट कराई गई है। वर्ष 2021 में मरीजों को इसका लाभ मिलने लगेगा। कोलकाता की कंपनी बनाएगी डिवाइस प्रो. निशीथ वर्मा ने बताया कि डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी इसके लिए अनुदान देगी। इसके लिए बात चल रही है। कोलकाता की आरोग्यं कंपनी यह डिवाइस बनाएगी। इसके लिए उसे ये तकनीक दी जा रही है।


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