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नए साल में आ सकती कोरोना की तीसरी लहर, प्रो. मणींद्र अग्रवाल की जुबानी जानें- कैसा रहेगा भारत में प्रभाव

आइआइटी कानपुर के पद्मश्री प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने गणना के आधार पर नए साल की शुरुआत में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आने की आशंका है। उनका कहना है कि डेल्टा वैरिएंट की अपेक्षा ओमिक्रोन बहुत तेज गति से फैल रहा है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 05 Dec 2021 09:05 AM (IST)Updated: Sun, 05 Dec 2021 09:05 AM (IST)
नए साल में आ सकती कोरोना की तीसरी लहर, प्रो. मणींद्र अग्रवाल की जुबानी जानें- कैसा रहेगा भारत में प्रभाव
नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर अनुमान लगाया है।

कानपुर, जागरण संवादाता। दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वैरिएंट फैलने के बाद अबतक के आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद पद्मश्री से सम्मानित आइआइटी के प्रो. मणींद्र अग्रवाल का अनुमान है कि नए वर्ष में तीसरी लहर आ सकती है। उनके अनुसार यह माना जाए कि ओमिक्रोन फैलना शुरू कर चुका है तो कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर अगले वर्ष की शुरुआत में अपने चरम पर होने की आशंका है। कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की अपेक्षा ओमिक्रोन वैरिएंट काफी तेजी से फैल रहा है। उन्होंने सुझाव दिया है कि लोग सतर्कता बरतें, जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई है, वह जल्द लगवा लें और स्वत: लाकडाउन के नियमों का पालन करें।

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प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने बताया कि अब तक कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रोन किसी नेचुरल इम्युनिटी वाले शख्स को बाईपास नहीं कर सका है। जो लोग पूर्व में संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं, उनमें खुद ही अच्छी प्रतिरोधक क्षमता (नेचुरल इम्युनिटी) विकसित हो चुकी है, उन पर इस वायरस का ज्यादा असर अब तक नहीं दिखाई पड़ा है। प्रो. अग्रवाल ने बताया कि माना जा रहा है कि कोरोना का नया वैरिएंट वैक्सीन वाली इम्युनिटी को बाईपास करने में कुछ हद तक सक्षम है। इसी तरह वैक्सीन लगवाने के बाद जिन लोगों में इम्युनिटी का विकास हुआ है, उन्हें भी बहुत ज्यादा बाईपास नहीं कर पा रहा है। इसके कारण भारत में ज्यादा असर होने की संभावना नहीं है, क्योंकि भारत में 80 फीसद लोगों में नेचुरल इम्युनिटी है।

प्रो. अग्रवाल ने कहा कि अगर माना जाए कि ओमिक्रोन भारत में अभी से फैसला शुरू कर चुका है तो तीसरी लहर अगले साल के शुरुआती महीनों में चरम स्तर पर होगी। इसके बाद इसमें गिरावट आएगी। हालांकि दूसरी लहर के दौरान देश में जिस तरह के हालात थे और हास्पिटल व आक्सीजन बेड की काफी जरूरत पड़ी थी, ओमिक्रोन आने से वैसी जरूरत नहीं पड़ेगी।


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