राष्ट्रीय रैंकिंग में आइआइटी कानपुर का कद बढ़ा, एक पायदान ऊपर चढ़ा
इंजीनियरिंग कॉलेज की कैटेगिरी में तीसरी बार पांचवीं रैंक बरकरार।
कानपुर, जेएनएन। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ-2019) जारी कर दी। राष्ट्रीय रैकिंग में आइआइटी कानपुर को छठवीं रैंक मिली है जो कि पिछली बार की अपेक्षा एक पायदान बढ़ी है। जबकि पहला स्थान आइआइटी चेन्नई को मिला है। इंजीनियरिंग कॉलेज की कैटेगिरी में आइआइटी कानपुर को लगातार तीसरी बार पांचवीं रैंकिंग प्राप्त हुई है।
दुनियाभर में अपनी तकनीकी शिक्षा का डंका बजाने वाले आइआइटी अपने 60 साल पूरे होने पर हीरक जयंती वर्ष मना रहा है। यहां पर सौ करोड़ की लागत से टेक्नोपार्क बनाया जा रहा है जो 2021 तक बनकर तैयार हो जाएगा। जबकि उद्योगों से जुड़े शोध कार्य के लिए आइआइटी ने इसके अंतर्गत एक इमारत मुहैया करा दी है।
इसके अलावा इस संस्थान की प्रगति के लिए सामाजिक शोध के लिए सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी सेंटर खोले जाने पर मुहर लगा दी गई है। यहां पर प्रोफेसर व शिक्षाविद् जल व वायु प्रदूषण जैसी समस्याओं का समाधान तलाशेंगे। इस सेंटर में जल व वायु प्रदूषण दूर करने की नई तकनीक इजाद की जाएंगी। आइआइटी ने 2020 तक 550 फैकेल्टी नियुक्त करने का लक्ष्य रखा है। वर्तमान में यहां 36 हजार पूर्व छात्र हैं।
दुनिया के संस्थानों की रैंकिंग में भी बढ़ रहा आगे
दुनिया के नामी गिरामी विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में भी आइआइटी आगे बढ़ रहा है। टाइम्स हायर एजुकेशन यूनिवर्सिटी की ओर से हाल ही में जारी की गई रैंकिंग में आइआइटी को 46वीं रैंकिंग प्रदान की थी जबकि उससे पहले यह 49वें स्थान पर था। इसके अलावा संस्थान के 30 प्रोफेसरों को शांति स्वरूप भटनागर अवार्ड मिल चुका है।