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चार साल बाद खडग़पुर को पीछे छोड़कर आगे निकला आइआइटी कानपुर, जानें किस तरह हासिल किया ये मुकाम

एनआइआरएफ-2020 में देश भर के इंजीनियङ्क्षरग संस्थानों की सूची में आया चौथा स्थान।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Fri, 12 Jun 2020 09:16 AM (IST)Updated: Fri, 12 Jun 2020 09:16 AM (IST)
चार साल बाद खडग़पुर को पीछे छोड़कर आगे निकला आइआइटी कानपुर, जानें किस तरह हासिल किया ये मुकाम
चार साल बाद खडग़पुर को पीछे छोड़कर आगे निकला आइआइटी कानपुर, जानें किस तरह हासिल किया ये मुकाम

कानपुर, जेएनएन। शिक्षक-छात्रों की संख्या, शोध कार्य, पेटेंट, प्रोजेक्ट, सेमिनार, अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक कार्यक्रम, प्लेसमेंट और सुविधाएं बढऩे से आइआइटी कानपुर की शान भी बढ़ गई है। नेशनल इंस्टीट््यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ)-2020 में पिछले चार साल से आगे चल रहे आइआइटी खडग़पुर को पटखनी देकर आइआइटी कानपुर ने चौथा स्थान हासिल किया है जबकि ओवरऑल रैंकिंग में अपने छठवें स्थान पर काबिज है। पिछले साल के मुकाबले इस बार स्कोर काफी बढ़ गया है। निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने छात्र, फैकल्टी और संस्थान के स्टाफ को बधाई दी है।

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रैंकिंग बढ़ाने में कारगर

1. फैकल्टी बढ़ाई- 2018 में 397 फैकल्टी संस्थान में थे, जबकि 2019 में इनकी संख्या बढ़ाकर 453 कर दी गई। शिक्षकों की संख्या बढ़ाने से पीएचडी छात्र भी अधिक हो गए, जिससे शोध कार्यों को बढ़ावा मिला।

2. प्रोजेक्ट की फंङ्क्षडग- पिछले दो साल तक सरकार की ओर से प्रोजेक्ट की फंङ्क्षडग 200 करोड़ तक ही रहती थी, जबकि 2019 में 300 करोड़ रुपये की फंङ्क्षडग हुई।

3. 2018 में प्लेसमेंट 90 फीसद तक था, जबकि 2019 में यह 95 फीसद तक पहुंच गया।

4. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, ईरान समेत अन्य देशों के साथ शैक्षणिक कार्यक्रम हुए।

5. नेटवर्क, साइबर सिक्योरिटी, गंगा स्वच्छता, डिफेंस समेत अन्य क्षेत्रों में काफी काम किए गए।

6. पर्यावरण, भूकंप, आकाश गंगा, ग्लेशियर समेत अन्य क्षेत्रों में शोध कार्य हुए।

7. छात्रों ने उद्यमिता विकास किया। उनकी कंपनियों ने कामयाबी की नई कहानी रच दी।

8. अब तक 650 से अधिक पेटेंट फाइल किए जा चुके हैं।

9. विदेशी छात्रों और बाहर से आने वाले अतिथियों के लिए सुविधाएं बढ़ाई गईं।

10. पढ़ाई, प्रैक्टिकल और प्रोजेक्ट कार्यों को बढ़ाया गया।

कहां किया उलटफेर

आइआइटी कानपुर ने टीङ्क्षचग लर्निंग रिसोर्च (टीएलआर) में खडग़पुर से 8.9 फीसद की बढ़त हासिल की, जबकि एक साल पहले 5.39 ही फीसद बढ़त हासिल थी। रिसर्च एंड प्रोफेशनल प्रैक्टिस (आरपीपी) में 5.03 फीसद से पिछड़ गए। 2019 में यह अंतर 6.41 फीसद था। इस साल ग्रेजुएशन आउटकम्स में आइआइटी कानपुर ने 5.23 बढ़त ली, जबकि पिछले साल 1.56 फीसद ही बढ़त थी। आउटरीच एंड इनक्यूसिविटी में कानपुर ने अंतर को 2.41 फीसद कर लिया। 2019 में 11.18 फीसद का था।

परसेप्शन के मामले में आइआइटी कानपुर इस बार आइआइटी खडग़पुर से 3.53 फीसद पिछड़ गया। पिछले वर्ष यह अंतर 2.79 था। टीएलआर में शिक्षक और छात्रों की संख्या में उनका अनुपात शामिल रहता है। आरपीपी में शोध और पेटेंट शामिल हैं। जीओ में ग्रेजुएट व पोस्ट ग्रेजुएट पास होने वालों की संख्या, ओआइ में विदेशी छात्रों, दिव्यांग, दूसरे राज्यों से आने वाले छात्र शामिल रहते हैं। परसेप्शन में संस्थान के बारे में बाहरी लोगों की क्या राय है। वहां की सुविधाएं और पढ़ाई कैसी है, इन सभी के आधार पर नंबर दिए जाते हैं।


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