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आइआइटी विशेषज्ञों का आकलन, सितंबर-अक्टूबर में आ सकती कोरोना की तीसरी लहर, हो सकते भयावह हालात

आइआइटी के विशेषज्ञों का मानना है कि रूप बदले कोरोना वायरस सितंबर माह में फिर लौट सकता है और दूसरी लहर की तरह स्थिति होने पर अक्टूबर में पीक का पीरियड होगा। दूसरी से ज्यादा भयावह स्थिति हो सकती है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 08:01 AM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 08:11 PM (IST)
आइआइटी विशेषज्ञों का आकलन, सितंबर-अक्टूबर में आ सकती कोरोना की तीसरी लहर, हो सकते भयावह हालात
कोविड नियमों का पालन करना बेहद जरूरी।

कानपुर, जेएनएन। देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है। दुकानें, माल, बाजार, संस्थान एहतियात के साथ खुलने लगे हैं। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को लेकर तैयारियां तेज हैं। टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है। हालांकि, सब कुछ सामान्य होने पर बिना वजह ही भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाना, मास्क नहीं पहनना, शारीरिक दूरी का पालन नहीं करना एक बार फिर खतरनाक हो सकता है। आइआइटी के विशेषज्ञों ने तीसरी लहर का आकलन किया है।

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इसमें वायरस के म्यूटेशन (रूप बदलने) पर दूसरी लहर से भी ज्यादा भयावह स्थिति हो सकती है। सितंबर में सर्वाधिक केस आने की आशंका है। कोविड नियमों का पालन नहीं करने पर एक दिन में पांच लाख से ज्यादा संक्रमित सामने आ सकते हैं। पीक (सर्वाधिक केस) अक्टूबर में आने का अनुमान है। आइआइटी के फिजिक्स के प्रो. महेंद्र वर्मा, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रो. राजेश रंजन और उनकी टीम ने गणितीय माडल की मदद से तीसरी लहर को लेकर शोध किया है।

कई प्रदेशों पर शोध जारी : आइआइटी के विशेषज्ञ कई प्रदेशों में तीसरी लहर की स्थिति पर शोध कर रहे हैं। वहां का डाटा जुटाया जा रहा है। सभी जगहों से लाकडाउन पूरी तरह हटने पर गणितीय आकलन कर सकेंगे। इसमें जनसंख्या, संक्रमित, कोरोना से हुई मौतों और सही होने वालों की रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

वायरस के बर्ताव को बनाया आधार : प्रो. राजेश रंजन ने बताया कि दूसरी लहर के वायरस के बर्ताव को आधार बनाकर शोध किया गया है। दूसरी लहर के मामलों को लिया गया। मॉडलिंग में 15 जुलाई के समय को लिया गया है। इसमें तीन तरह से अनुमान लगाया है।

पहला : 15 जुलाई को सब कुछ खुल जाएगा। लोग जनवरी 2021 की तरह से फिर से जिंदगी जिएंगे। जैसे दूसरी लहर के आने से पहले जी रहे थे। इस स्थिति में संक्रमण की पीक अक्टूबर के पहले हफ्ते में आ सकती है। एक दिन में करीब तीन लाख केस आएंगे।

दूसरा : वायरस के म्यूटेशन होने पर 15 सितंबर के आसपास पीक आएगी। एक दिन में पांच लाख से अधिक संक्रमित आएंगे।

तीसरा : कोविड नियमों के अच्छी तरह से पालन करने से कोरोना की पीक एक नवंबर को आ सकती है। एक दिन में डेढ़ लाख केस मिलेंगे।

लाकडाउन की आवश्यकता कम

विशेषज्ञों का अनुमान है कि जागरूकता, नियमों का पालन और टीकाकरण की वजह से कोरोना की तीसरी लहर कमजोर पड़ सकती है। इस स्थिति में लाकडाउन की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।


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