हैकर को 'धूल' चटाएंगे आइआइटी कानपुर के साइबर टूल
ऑनलाइन ट्रैक पर दौड़ पड़ी दुनिया में जहां सहूलियतें मिलती हैं वहीं साइबर अपराध बड़ी चुनौती बनकर सामने हैं। साइबर सुरक्षा के लिए विशेषज्ञ लगातार काम भी कर रहे हैं। डाटा सुरक्षा के लिए अब आइआइटी में ऐसे टूल विकसित किए जाएंगे जो हैकर को धूल चटाएंगे।
जागरण संवाददाता, कानपुर : ऑनलाइन ट्रैक पर दौड़ पड़ी दुनिया में जहां सहूलियतें मिलती हैं, वहीं साइबर अपराध बड़ी चुनौती बनकर सामने हैं। साइबर सुरक्षा के लिए विशेषज्ञ लगातार काम भी कर रहे हैं। डाटा सुरक्षा के लिए अब आइआइटी में ऐसे साइबर टूल विकसित किए जाएंगे जो कंप्यूटर का कवच बन हैकर को धूल चटाएंगे। आइआइटी में साइबर सिक्योरिटी सेंटर सेल के अंतर्गत टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने 170 करोड़ रुपये अनुदान दिया है। आइआइटी के किसी भी प्रोजेक्ट को मिलने वाला यह अभी तक का सबसे बड़ा अनुदान है।
टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब युवाओं को साइबर सिक्योरिटी का पाठ पढ़ाएगा। साइबर सिक्योरिटी सेंटर के निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने बताया कि कंप्यूटर सिस्टम सुरक्षित करने के लिए आइआइटी के बनाए कई टूल का परीक्षण देश के विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों व कंपनियों में किया जा चुका है। अब साइबर सिक्योरिटी को फुलप्रूफ बनाने के लिए ऐसे टूल पर काम चल रहा है जो साइबर हमले को विफल कर देंगे। साइबर फिजिकल सिस्टम के तहत ये टूल बनाने की दिशा में काफी हद तक सफलता भी मिल चुकी है। ये टूल बता सकते हैं कि कंप्यूटर में कहां-कहां ऐसी कमियां हैं जिनके कारण साइबर अटैक होते हैं, उन कमजोरियों को दूर भी करेंगे। टूल को मल्टीनेशनल कंपनियों, बैंकिंग व वित्त संबंधित विभागों के लिए तैयार करने के लिए पांच साल का प्रोजेक्ट मिला है।
स्टार्टअप करेंगे साइबर सिक्योरिटी पर काम
साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में युवाओं को स्टार्टअप स्थापित करने में आइआइटी मदद करेगा। उन्हें नए नए टूल के बारे में जानकारी देने के साथ ऑनलाइन प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
टेक महिंद्रा व एचसीएल के लिए बन रहा टूल
आइआइटी ने टेक महिंद्रा, एचसीएल व टाटा जैसी नामी गिरामी कंपनियों के लिए साइबर सिक्योरिटी टूल बनाने शुरू कर दिए हैं। नेशनल ब्लॉक चेन और क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी आधुनिक तकनीक पर सॉफ्टवेयर-टूल बना रहे संस्थान में बैंकिग व अन्य फाइनेंस सेक्टर कंपनियों को साइबर हैङ्क्षकग से बचाने के लिए भी रिसर्च चल रहा है। साइबर सिक्योरिटी ऑफ इंडस्ट्रियल कंट्रोल सिस्टम में कई नए सॉफ्टवेयर बनाए गए हैं जो साइबर अटैक से बचा सकते हैं। टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब में कंप्यूटर साइंस और इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी के छात्र साइबर सिक्योरिटी की नई तकनीक ईजाद कर सकेंगे।