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खत्म हुआ आइआइटी और नानकारी का विवाद

जागरण संवाददाता कानपुर आखिरकार आइआइटी और नानकारी के नागरिकों के बीच लंबे समय से चला अ

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Mar 2020 01:23 AM (IST)Updated: Fri, 13 Mar 2020 06:08 AM (IST)
खत्म हुआ आइआइटी और नानकारी का विवाद
खत्म हुआ आइआइटी और नानकारी का विवाद

जागरण संवाददाता, कानपुर : आखिरकार आइआइटी और नानकारी के नागरिकों के बीच लंबे समय से चला आ रहा विवाद गुरुवार को खत्म हो गया। भाजपा सांसद देवेंद्र सिंह भोले की पहल पर दोनों पक्षों में समझौैता हो गया है। इस पर आइआइटी निदेशक अभय करंदीकर और नानकारी समिति के सदस्यों ने हस्ताक्षर किए। दोनों पक्षों में तय हुआ कि प्रबंधन अब नानकारी के लोगों को आइआइटी में गुजरने से नहीं रोका जाएगा। इससे करीब 10 हजार लोगों को लाभ होगा।

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आइआइटी अपने परिसर की सुरक्षा को लेकर लंबे समय से नानकारी के नागरिकों को रोकता रहा है। इसको लेकर कई बार विवाद हो चुका है। भाजपा सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने नानकारी के लोगों की बात मानव संसाधन मंत्री रमेश निशंक पोखरियाल तक पहुंचाई। दिसंबर में नानकारी की समिति के सदस्य और आइआइटी प्रबंधन के लोग दिल्ली में मानव संसाधन मंत्री से मिले थे। उन्होंने इस मामले में आइआइटी प्रबंधन को नानकारी के लोगों को आने जाने की सुविधा देने और वहां व्यवस्थाएं ठीक करने के लिए कहा था। इसके बाद आइआइटी प्रबंधन ने सभी द्वारों पर व्यवस्थाओं में कई बदलाव किए। साथ ही सड़कों और टर्निग प्वाइंट को भी ठीक कराया गया था। इस समझौते को सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने पत्र तैयार किया था। वह इस पर रविवार को हस्ताक्षर कर चुके थे। गुरुवार को आइआइटी निदेशक अभय करंदीकर से समय मिलने पर पार्षद निर्मला मिश्रा के साथ समिति के सदस्य अखिलेश सिंह, लालजी पांडेय, शरद मिश्रा, पंकज श्रीवास्तव, अजय अग्निहोत्री, जयकरन सिंह पहुंचे। वहां सभी ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए। पार्षद निर्मला मिश्रा के मुताबिक मूल चाहरदीवारी से लगे सभी द्वारों में किसी तरह का परिवर्तन नहीं किया गया है। चरखी गेट के पास नए और चौड़े गेट को बनाया गया है जो बंद नहीं होगा। उनके मुताबिक यह भी तय किया गया है कि आगे आइआइटी कोई कार्य करेगा तो समिति के सदस्यों से बात करेगा।

गंदगी नहीं जमा होने देने की मिली जिम्मेदारी

इसके साथ ही जिस गेट पर अब द्वार बंद करने का प्रावधान नहीं है, वहां नानकारी के लोग ही यह तय करेंगे कि वहां कूड़ा न जमा हो। यहां पर गाय, भैंस आदि पशु सड़क पर खुले न घूमें, ना वे आइआइटी में घुसें। कैंपस तक की सड़क डेढ़ मीटर से छह मीटर तक चौड़ी कर दी गई हैं। टर्निग प्वाइंट पर यह आठ मीटर तक चौड़ी की गई है। स्कूल व व्यावसायिक वाहनों को घुमाने के लिए गेट के पास पर्याप्त स्थान मिलेगा। प्रधान गेट से पैदल यात्री, साइकिल चालक, अधिकृत दो पहिया वाहनों का आवागमन जारी रहेगा। शिव मंदिर में सुगमता से प्रवेश के लिए फुटपाथ व सीढि़यों का निर्माण कार्य हो चुका है। सड़क का रखरखाव व मार्ग प्रकाश आइआइटी करेगा। स्वच्छता इकाई साप्ताहिक आधार पर सफाई करेगी।

हवाई पंट्टी के निकट एक और शैक्षणिक विकास कार्य चल रहा है। इससे हवाई पंट्टी वाली सड़क पर छात्रों, संकाय सदस्यों व नानकारी वासियों के आवागमन से मुश्किल हो सकती है, इसलिए यहां एलीवेटेड मार्ग की योजना है। शिवली के गेट के पास द्वार संख्या तीन के शुरू होने पर केवल नानकारीवासियों के सभी तरह के वाहन आ जा सकेंगे।


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