बच्चों को बंधक बनाने वाले सुभाष की बेटी के नाम आइजी ने कराई इनाम में मिली राशि की एफडी
फर्रुखाबाद में सिरफिरे के चंगुल से बच्चों को मुक्त कराने के लिए आइजी को पुरस्कार में राशि मिली थी।
कानपुर, जेएनएन। फर्रुखाबाद के करथिया गांव में बच्चों को बंधक बनाने वाले सिरफिरे की मासूम बेटी के पालन-पोषण की जिम्मेदारी आइजी मोहित अग्र्रवाल उठा रहे हैैं। आइजी ने उसके भविष्य के लिए इनाम में मिली राशि की एफडी उसके नाम करा दी है। बच्ची को यह राशि 18 साल की आयु पूरी होने के बाद मिलेगी।
यह हुई थी घटना
30 जनवरी की शाम अपराधी सुभाष बाथम ने बेटी का जन्मदिन मनाने के लिए गांव के बच्चों को घर बुलाया था। इसके बाद घर आए 23 बच्चों को बंधक बना लिया था। आइजी मोहित अग्र्रवाल के निर्देशन में पुलिस ने नौ घंटे की मुठभेड़ के बाद सुभाष को ढेर कर बच्चों को मुक्त कराया था। आक्रोशित भीड़ ने सुभाष की पत्नी रूबी को बुरी तरह पीटा था, इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई थी।
आइजी ने गोद ली बच्ची
माता-पिता की मौत के बाद अनाथ हुई बच्ची के लालन-पालन की जिम्मेदारी आइजी मोहित अग्रवाल उठा रहे हैं। बच्ची को उसका कोई अपना स्वीकार करने को भी तैयार नहीं है। बच्ची अभी एक महिला कांस्टेबिल के पास रहती है। सात फरवरी को मुख्यमंत्री ने फर्रुखाबाद की घटना के लिए आइजी मोहित अग्र्रवाल को एक लाख रुपये और पूरी टीम को 10 लाख रुपये का पुरस्कार दिया था। आइजी ने बताया कि मासूम बच्ची के भविष्य को देखते हुए उन्होंने पुरस्कार में मिली राशि उसके नाम एफडी करा दी है।