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बार-बार फेसबुक देखने का मन करता है, हर दो मिनट में वाट्सएप देखते हैं तो आपको है यह बीमारी

सोशल साइट्स की लत लोगों को मनोरोग और सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस का शिकार बना रही है।

By AbhishekEdited By: Published: Mon, 07 Jan 2019 06:04 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 10:45 AM (IST)
बार-बार फेसबुक देखने का मन करता है, हर दो मिनट में वाट्सएप देखते हैं तो आपको है यह बीमारी
बार-बार फेसबुक देखने का मन करता है, हर दो मिनट में वाट्सएप देखते हैं तो आपको है यह बीमारी
कानपुर,[जागरण स्पेशल]। बार-बार फेसबुक देखने का मन करता है, हर दो मिनट में वाट्सएप चेक करते हैं तो सावधान हो जाइए, आप मनोरोग का शिकार हो चुके हैं। एलएलआर अस्पताल (हैलट) के मनोरोग विभाग की ओपीडी में ऐसी समस्याएं लेकर लोग पहुंचने लगे हैं। मोबाइल फोन और इंटरनेट का बेजा इस्तेमाल दिल और दिमाग पर असर डाल रहा है। इससे किशोर, युवा और व्यस्कों की कार्य क्षमता पर असर पड़ रहा है।

व्यायाम से जरूरी हो गई चैटिंग
सुबह बिस्तर छोडऩे के बाद सबसे पहले व्यायाम और योग-प्राणायाम किया जाता था। बदलते समय में व्यायाम की जगह चैटिंग ने ले ली है। अब सुबह उठते ही हाथ पर मोबाइल होता है। सबसे पहले सोशल नेटवर्किंग साइट चेक करते हैं। रात में खाने के बाद घंटों इन साइट्स पर चैटिंग में व्यतीत करते हैं। विशेषज्ञों का अध्ययन बताता है कि फेसबुक, वाट्सएप एवं ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट पर औसतन नियमित ३-४ घंटे गुजारते हैं। इसलिए यह दिलोदिमाग पर हावी हो रही है।
अस्पतालों में पहुंचने लगे रोगी
मोबाइल फोन, इंटरनेट और सोशल साइट्स का नशा अवसाद का रोगी बना रहा है। वहीं घंटों एक स्थिति में गर्दन रखने से सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के शिकार हो रहे हैं। उर्सला, एलएलआर अस्पताल (हैलट) में गर्दन और मांसपेशियों में ऐंठन की शिकायत लेकर प्रतिदिन दो से ढाई सौ युवा युवतियां पहुंच रही हैं। इस पर हुए अध्ययन बताते हैं कि मोबाइल एवं सोशल साइट्स का बेजा इस्तेमाल हर व्यक्ति को मनोरोगी बना रहा है।

अवसाद की ओर धकेल रहा इंटरनेट का नशा
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बार-बार फेसबुक देखने की इच्छा होने लगे तो समझ लीजिए बीमारी की चपेट में आने लगे हैं। इसलिए फेसबुक प्रोफाइल बार-बार चेक करने वाले सतर्क हो जाएं। इंटरनेट का नशा आपके दिल-दिमाग पर असर करने लगी है और यह आपको अस्वस्थ एवं अवसाद की ओर धकेल रहा है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में मनोरोग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विपुल सिंह ने बताया कि इंटरनेट या सोशल साइट पर २४ घंटे में ३० मिनट से १ घंटा ही दें। इससे अधिक देने पर नींद में खलल पड़ता है। अगर बच्चे हैं तो पढ़ाई प्रभावित होगी। व्यस्क हैं तो कार्य क्षमता पर असर पड़ेगा। स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाएगा।
यह है दुष्प्रभाव
-सोशल साइट्स पर घंटों समय गुजारने से व्यक्तित्व प्रभावित होता है।
-व्यक्ति मानसिक रूप से बीमार और चिड़चिड़ा हो जाता है।
-दिमाग पर भी असर पड़ता है।
-फेसबुक के नकारात्मक कमेंट व्यक्तित्व को प्रभावित करते हैं।
-सोशल मीडिया व सामाजिक जीवन में टकराव होता है।
-इसका प्रभाव आपसी संबंधों पर भी पड़ता है।
यह समस्याएं आम
-मोबाइल पर इंटरनेट का अत्यधिक इस्तेमाल से अंगुलियों के जोड़ों में दर्द, आर्थराइटिस तथा सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस की दिक्कत।
-एक ही स्थिति में लंबे समय तक बार-बार रहने पर जोड़ों के लिगामेंट और टेंडन में सूजन।
-मैसेज टाइप करते समय कलाई पर अधिक दबाव पडऩे से हाथों में खिंचाव।
-एक ही स्थिति पर लगातार रहने पर मांसपेशियां कमजोर होना।
इसका रखें ध्यान
-30 मिनट तक बच्चे कर सकते हैं इस्तेमाल।
-45 मिनट से १ घंटे तक व्यस्क करें इस्तेमाल।
-सात से आठ घंटे की नींद जरूरी।

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