जेवर खरीद रहे हैं तो हालमार्क की परख जरूर करें
बीआइएस का चिन्ह कैरेट की जानकारी व डिजिटल कोड जरूर देखें।
जागरण संवाददाता, कानपुर : इस वर्ष नवरात्र से ही जेवरों की बिक्री खूब बढ़ी हुई है। अभी धनतेरस और दीपावली पर इसकी मांग और भी बढ़ने की उम्मीद है। ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआइएस) ने कानपुर को हालमार्क की अनिवार्यता वाले शहरों में शामिल किया है क्योंकि यहां हालमार्क केंद्र हैं लेकिन, इसके बाद भी बाजार में त्योहार के मौके पर बिना हालमार्क या गलत हालमार्क चिह्न वाले जेवर भी मिल रहे हैं। इसलिए त्योहार के मौके पर जेवर तो खरीदें लेकिन संदेह होने पर उसकी परख भी कर लें। इसको लेकर उपभोक्ता मामले के विभाग ने जागरूकता भी शुरू कर दी है।
सराफा बाजार में 14, 18 और 22 कैरेट के जेवर पहले से थे। अब इसमें 20, 23 और 24 कैरेट के जेवर और आ गए हैं। हालांकि इन तीनों कैरेट के जेवर कानपुर में नहीं बिकते। हालमार्क अनिवार्य होने के बाद अब किसी भी जेवर पर तीन चिह्न होना जरूरी है। इसमें बीआइएस का चिन्ह, कितने कैरेट का जेवर है और छह डिजिट का अल्फान्यूमेरिक कोड है या नहीं, इसकी जांच जरूर करनी चाहिए। बाजार में नकली हालमार्क और बिना हालमार्क के जेवर बिकते देख खुद कारोबारियों की सलाह है कि जितने कैरेट का जेवर खरीद रहे हैं, उसका उल्लेख अपने बिल पर जरूर करवा लें। साथ ही सराफा कारोबारी से लेंस लेकर जेवर पर उस नंबर की जांच भी कर सकते हैं। इसके बाद भी अगर संदेह रहता है तो हालमार्क सेंटर पर 200 रुपये शुल्क व 36 रुपये जीएसटी देकर जांच कराई जा सकती है।
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सोने की जो कीमत दे रहे हैं, उतने का सोना मिल रहा है या नहीं इसकी परख जरूर करें। ग्राहक जरूरत पड़ने पर इसे परखें भी और गलत मिलने पर शिकायत भी करें।
- पंकज अरोड़ा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन।
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इनका ध्यान रखें
- 14 कैरेट पर 585 लिखा होता है। इसका मतलब 58.5 फीसद।
- 18 कैरेट पर 750 लिखा होता है। इसका मतलब 75.0 फीसद।
- 22 कैरेट पर 916 लिखा होता है। इसका मतलब 91.6 फीसद।
- 06 अंकों का अल्फान्यूमेरिक डिजिटल कोड देखें।
- 1800114000 नंबर पर संदेह होने पर शिकायत करें।
- 02 ग्राम से कम वजन के जेवर के लिए हालमार्क जरूरी नहीं।