आइआइटी के मोबाइल फ्रीज का सेना करेगी ट्रायल
राजस्थान, जम्मू और भुज के दुर्गम क्षेत्रों में खाद्य पदार्थो, दवाओं पर होगी परख
जागरण संवाददाता, कानपुर : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर के बनाए सौर उर्जा चलित मोबाइल फ्रीज का सेना द्वारा ट्रायल लिया जाएगा। उसकी राजस्थान, जम्मू और भुज के दुर्गम क्षेत्रों में दवाएं, खाद्य सामग्री और अन्य सामान के साथ परख होगी। संस्थान जल्द ही अपनी खोज सेना को सौंपने वाली है। सैन्य अधिकारियों और जवानों की मांग व सुझाव के आधार पर फ्रीज में कुछ तब्दीली भी की जा सकती है। आइआइटी फ्रीज को ई-रिक्शे की तरह मॉडीफाइड (परिवर्तित) करने में जुटी है। जिससे उसे चलाने में आसानी हो जाएगी।
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सैनिकों को आ रही दिक्कतें
दुर्गम क्षेत्रों में सभी जगह बिजली की सप्लाई नहीं है। सैनिकों के लिए दवाएं, खाने पीने की सामग्री के लिए बड़े फ्रीज की आवश्यकता होती है। इसमें दूध के उत्पादक, खाना, सब्जी, फल, चॉकलेट, हेल्थ ड्रिंक आदि रखे जाते हैं। बड़े फ्रीज को चलाने के लिए जेनरेटर की जरूरत पड़ती है। यह सभी जगह संभव नहीं है। दवाओं के लिए कोल्ड चेन बनाए रखना जरूरी होता है।
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24 घंटे रहेगा बैकअप
आइआइटी के मैकेनिकल इंजीनिय¨रग विभाग के प्रो. समीर खांडेकर की देखरेख में ले. कर्नल अखिल सिंह चरक ने 240 लीटर का पोर्टेबल रेफ्रीजरेशन सिस्टम तैयार किया है। इसमें सोलर पैनल, बैटरी, डीसी आपरेटर कंप्रेशर, चार्ज कंट्रोलर और एनर्जी मीटर लगे हैं। बैटरी बैकअप 24 घटे से अधिक है।
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आइएसओ से प्रमाणीकरण की तैयारी
आइआइटी मोबाइल फ्रीज के प्रमाणीकरण की तैयारी में है। मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी विभाग को मॉडल का प्रारूप भेजा जा चुका है। उनके अधिकारियों ने कुछ दिन पहले रेफ्रीजरेशन एंड एयर कंडीशनिंग प्रयोगशाला में मॉडल का निरीक्षण भी किया है। अधिकारियों ने फ्रीज का वजन कुछ कम करने के लिए निर्देशित किया है। 'मोबाइल फ्रीज के मॉडल को और बेहतर बनाया जा रहा है। मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी विभाग के अधिकारी मॉडल को देख चुके हैं। जल्द ही सेना को सौंप दिया जाएगा।'
- डॉ. चंद्रशेखर गोस्वामी, तकनीकी अधीक्षक,मैकेनिकल इंजीनिय¨रग, आइआइटी