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महिला की हत्या में पति व सास को आजीवन कारावास, केरोसिन से जलाया था

दहेज में सोने की जंजीर न मिलने पर एक महिला की हत्या करने के आरोप में पति व सास को दोषी मानकर दोनो को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। महिला की केरोसिन से जलाकर हत्या की गयी थी। जनपद न्यायाधीश ने 10-10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया।

By Sarash BajpaiEdited By: Published: Thu, 18 Feb 2021 08:15 PM (IST)Updated: Thu, 18 Feb 2021 08:15 PM (IST)
महिला की हत्या में पति व सास को आजीवन कारावास, केरोसिन से जलाया था
महिला की जलाकर हत्या करने में पति व सास को आजीवन कारावास।

कानपुर, जेएनएन। फर्रुखाबाद में करीब आठ साल पहले दहेज में सोने की चेन व अन्य सामान न मिलने पर सात वर्ष पूर्व महिला की केरोसिन से जलाकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पति सहित सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। जनपद न्यायाधीश चवन प्रकाश ने मां-बेटे को महिला की हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास व 10-10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

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फतेहगढ़ कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला बंधौआ निवासी शांति देवी ने आठ अगस्त 2013 को कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें कहा था कि उन्होंने अपनी पुत्री कंचन की शादी फतेहगढ़ कोतवाली के मोहल्ला नेकपुर चौरासी निवासी प्रदीप के साथ 17 जून 2011 को की थी। शादी के बाद पुत्री का पति प्रदीप कुमार, सास शारदा देवी, जेठ राजू उर्फ राजीव कुमार, जेठानी प्रवेश कुमारी व अन्य स्वजन दहेज में सोने की चेन व अन्य सामान की मांग कर उत्पीडऩ करने लगे। तीन अगस्त 2013 की शाम आरोपितों ने पुत्री के ऊपर केरोसिन डालकर आग लगा दी। जिससे वह गंभीर रूप से झुलस गई। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत गंभीर होने पर उसे कानपुर के अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी मौत हो गई।

मुकदमे के विवेचक तत्कालीन क्षेत्राधिकारी सिटी ने न्यायालय में चार आरोपितों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा में आरोपपत्र दाखिल किया। मुकदमे की सुनवाई जिला सत्र एवं न्यायाधीश के न्यायालय में हुई। जिला शासकीय अधिवक्ता सुदेश प्रताप सिंह व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने तथा पत्रावली पर मौजूद साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद जनपद न्यायाधीश ने गैर इरादतन हत्या की धारा को तरमीम करते हुए महिला के पति प्रदीप कुमार व सास को हत्या में दोषी करार दिया। दोनों अभियुक्तोंं को आजीवन कारावास के साथ 10-10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद के आदेश दिए। साक्ष्य के अभाव में राजू उर्फ राजीव व प्रवेश कुमारी को बरी कर दिया गया।  


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