एलएलआर अस्पताल में शर्मसार हुई मानवता, स्ट्रेचर पर चार घंटे तड़पकर घायल ने तोड़ा दम Kanpur News
इलाज के लिए हड्डी रोग के डॉक्टरों से गुहार लगाते रहे परिजन इमरजेंसी से ओपीडी तक दौड़ाते रहे डॉक्टर।
कानपुर, जेएनएन। एलएलआर अस्पताल (हैलट) इमरजेंसी में मानवता भी दम तोड़ रही है। मंगलवार को सड़क हादसे में घायल चार घंटे तक स्ट्रेचर पर तड़पता रहा। परिजन इलाज शुरू करने के लिए डॉक्टरों से गुहार लगाते रहे। डॉक्टर इमरजेंसी से ओपीडी के चक्कर लगवाते रहे। परिजनों का आरोप है कि 11 सौ रुपये की दवाएं भी मंगाईं और लखनऊ भेजने की धमकी भी देते रहे। ऐसे में इलाज के अभाव में घायल ने दम तोड़ दिया।
महाराजपुर क्षेत्र के प्रेमपुर निवासी 48 वर्षीय कमल सिंह चालक हैं। सोमवार रात तीन बजे उन्नाव में सड़क हादसे में घायल हो गए। सड़क पार करते समय वाहन की चपेट में आकर पैर बुरी तरह कुचल गया। क्षतिग्रस्त पैर का इलाज कराने के लिए परिजन मंगलवार सुबह 6 बजे एलएलआर इमरजेंसी लेकर आए थे। वहां मौजूद इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर (ईएमओ) एवं जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) ने उन्हें अस्थि रोग की यूनिट में इलाज के लिए भेजा। परिजनों का आरोप है कि वहां मौजूद जूनियर डॉक्टर ने पर्ची पकड़ाते हुए बाहर से दवाएं लाने के लिए भेज दिया। दवाएं खरीद कर लाने के बाद डॉक्टर टालमटोल करने लगे।
घायल के छोटे भाई लाल सिंह के मुताबिक डॉक्टरों ने पहले पैर काटने की बात कही। उसके बाद बोले कि उनकी ओटी अगले सप्ताह पड़ेगी, तब तक पैर सड़ जाएगा। इसलिए लखनऊ जाओ। उनका आरोप है कि चार घंटे तक इमरजेंसी से लेकर ओपीडी का चक्कर लगवाते रहे। इलाज नहीं शुरू किया। इस दौरान स्ट्रेचर पर पड़ा घायल तड़पता रहा, उसने लगभग 9.30 बजे दम तोड़ दिया। उनका आरोप है कि डॉक्टरों ने भर्ती पर्चा तक नहीं बनवाया। प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या का कहना है कि मामले की जानकारी हुई है। ईएमओ एवं पीआरओ से जानकारी करेंगे। दोषी जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए विभागाध्यक्ष को पत्र लिखेंगे।
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