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फतेहपुर : इंसानियत आज भी जिंदा है...अवधेश ने अपनी जिंदगी देकर बचाए कुत्ते के प्राण

लालीपुर गांव निवासी अवधेश रैदास गुरुवार सुबह 630 बजे घर के बाहर बैठे थे। उसके घर के पास बने सूखे कुएं में एक कुत्ता गिर गया। इस पर अवधेश रस्सी के सहारे कुएं में उतरा और ऊपर चढ़कर कुत्ते को कुएं से बाहर फेंक दिया

By Akash DwivediEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 07:14 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jun 2021 07:42 AM (IST)
फतेहपुर : इंसानियत आज भी जिंदा है...अवधेश ने अपनी जिंदगी देकर बचाए कुत्ते के प्राण
लालीपुर गांव में रोते बिलखते दिवंगत अवधेश के स्वजन।

कानपुर, जेएनएन। इंसानियत आज भी जिंदा है। इसका उदाहरण देखने को मिला हुसेनगंज के लालीपुर गांव में। यहां के रहने वाले अवधेश ने अपनी जान की परवाह किए बिना 40 फीट गहरे कुएं में रस्सी के सहारे छलांग लगा दी, जबकि कुएं में जहरीली गैस का रिसाव हो रहा था। उन्होंने घुमंतू कुत्ते की जान बचा ली, लेकिन अपनी गवां बैठे। शायद वक्त और लोगों ने अवधेश का साथ नहीं दिया। बताते हैैं कि जैसे ही कुएं के अंदर से कुत्ते को बाहर फेंका, तभी रस्सी टूट गई और वह कुएं में गिर गए। उन्होंने फिर भी हार नहीं मानी और बाहर निकलने का भरसक प्रयास किया, लेकिन कुएं के बाहर खड़े लोग मदद को आगे नहीं आए। क्योंकि, कुएं से निकलने वाली जहरीली गैस के आगे पहले से ही लोगों और दमकल कर्मियों ने हार मान ली थी। करीब दो घंटे के बाद प्रशासनिक अफसरों की मौजूदगी में आक्सीजन सिलिंडर कुएं में डाला गया और भतीजा बबलू आक्सीजन मास्क पहनकर कुएं में उतरा और चाचा के शव को बाहर लेकर आया।

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लालीपुर गांव निवासी अवधेश रैदास गुरुवार सुबह 6:30 बजे घर के बाहर बैठे थे। उसके घर के पास बने सूखे कुएं में एक कुत्ता गिर गया। इस पर अवधेश रस्सी के सहारे कुएं में उतरा और ऊपर चढ़कर कुत्ते को कुएं से बाहर फेंक दिया, लेकिन रस्सी टूटने से वह नीचे गिर गया। यह देख गांव के अजय ने उतरने का प्रयास किया, लेकिन जहरीली गैस से सांस फूलने की वजह से वह बाहर आ गया। एसओ रणजीत बहादुर सिंह और फायर बिग्रेड प्रभारी तेज प्रकाश वर्मा गाड़ी के साथ पहुंचे, लेकिन जहरीली गैस के डर से पुलिस का कोई जवान कुएं में नहीं उतरा। बाद में भतीजा बबलू आक्सीजन मास्क के साथ रस्से के सहारे नीचे उतरा और चाचा के शव को बाहर निकालकर लाया।

... तो बच सकती थी अवधेश की जान : ग्रामीणों के बीच चर्चा रही कि कुएं से जहरीली गैस का रिसाव था जिस पर वह अवधेश को नहीं बचा सके, लेकिन पुलिस प्रशासन ने आक्सीजन सिलिंडर मंगवाने में दो घंटे लगा दिए। रेस्क्यू आपरेशन के लिए आई पुलिस भी कुएं में नहीं उतरी। यदि आक्सीजन सिलिंडर पहले आ जाता तो अवधेश की जान बच सकती थी।

स्वजन ने लगाई आर्थिक मदद की गुहार : घटना से दिवंगत की पत्नी कमला देवी व बच्चे काजल, खुशूबू, शुभम, शिवम रो-रोकर बेहाल रहे। एसडीएम प्रमोद झा व सीओ सिटी संजय कुमार सिंह ने स्वजन को आश्वस्त किया कि शव के पोस्टमार्टम बाद शासन से पीडि़त परिवार को मिलने वाली हर संभव आर्थिक मदद दी जाएगी।


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