Move to Jagran APP

कानपुर नगर निगम सदन में फूलों की माला बनी आफत, पार्षद-अफसरों में जमकर हुई तकरार, देखें VIDEO

हंगामे को देख नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी ने महापौर से कहा कि वीडियोग्राफी देखकर और जो भी पार्षद हैं उनको भी बाहर किया जाए। इस पर महापौर उखड़ गईं उन्होंने साफ कहा कि वह उनको आदेशित न करें कि क्या करना है।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 11:53 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 11:53 PM (IST)
कानपुर नगर निगम सदन में फूलों की माला बनी आफत, पार्षद-अफसरों में जमकर हुई तकरार, देखें  VIDEO
कानपुर नगर निगम सदन में अफसर को फूलों कह माला पहनाते पार्षद।

कानपुर, जेएनएन।  विकास कार्यों को लेकर पार्षदों-अफसरों के बीच लंबे समय से चल रही तकरार गुरुवार को फूलों की माला के बहाने बाहर आ गई। माजरा सिर्फ इतना था कि पार्षद विकास कार्य न होने की नाराजगी गांधीगीरी करके जताना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने अफसरों को पहनाने के लिए गुलाब की माला मंगवाई। जलनिगम के परियोजना प्रबंधक शमीम अख्तर को माला पहनाने के दौरान पार्षदों ने घेर लिया। फोटो खिंचाने की होड़ में धक्का-मुक्की हो गई। इससे नाराज नगर आयुक्त अन्य अफसरों के साथ सदन छोड़कर चले गए और सदन में न आने की बात कही। इस दौरान महापौर ने आधे घंटे के लिए सदन स्थगित कर दिया। वहीं अफसरों के जाने से नाराज पार्षद धरने पर बैठकर नारेबाजी करने लगे और अफसरों पर सदन के अपमान का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की। 

loksabha election banner

महापौर ने की कार्रवाई: आधा घंटे बाद सदन फिर बुलाया गया तो सबसे पहले महापौर प्रमिला पांडेय ने दुव्र्यवहार के आरोपित कांग्रेस के पार्षद मो. अमीम, मो. आमिर और नूर आलम को एक दिन के लिए सदन से निष्कासित किया।

नगर आयुक्त की बात से उखड़ी महापौर: हंगामे को देख नगर आयुक्त ने वीडियोग्राफी देखकर धक्का-मुक्की में शामिल अन्य पार्षदों को निकालने की बात कही तो महापौर उखड़ गईं। उन्होंने नगर आयुक्त से कहा कि सदन को न बताएं क्या करना है। महापौर ने कहा कि आज एक अधिकारी के साथ दुव्र्यवहार हो गया तो अफसरों को रास नहीं आ रहा है, जब अधिकारी काम नहीं करते और पार्षदों को जनता का दुव्र्यवहार झेलना पड़ता है, तब कुछ नहीं सोचते। उन्होंने अफसरों के इस तरह सदन से बाहर जाने पर भी आपत्ति जताई। 

पढ़िए, क्या बोले पार्षद: 

  • नवीन पंडित, सौरभ देव व यशपाल ने कहा कि सदन का अपमान हुआ है, पार्षदों पर कार्रवाई हुई है है तो अफसरों पर कार्रवाई  हो।
  • सुहैल अंसारी बोले कि नगर आयुक्त को पार्षदों की गलती दिख रही है। जल निगम परियोजना प्रबंधक शमीम अख्तर लुटेरा है। 
  • मो. अमीम ने कहा कि पानी की समस्या बड़ी है। नमामि गंगे के तहत जो सिस्टम थोपा गया है उसकी निंदा करता हूं। उसमें एक गली में काम हो रहा तो दूसरी गली छूट रही।  हमारी समस्या सुन लें और समाधान करें नहीं तो दूसरा तरीका अपनाया जाएगा। इसके लिए अभी से माफी चाहता हूं।

महापौर बोलीं: महापौर प्रमिला पांडेय ने कहा कि  कहा कि जिन पार्षदों ने मेरे मना करने पर भी अधिकारी को माला पहनाकर बेइज्जती की उनको सदन से निकाल दिया, लेकिन नगर आयुक्त का सदन से इस तरह जाना उचित नहीं है। मैं, जब भी उनसे कुछ कहती हूं तो वो कहते हैं मुझे हटा दें, लेकिन मैं उन्हें हटाना नहीं चाहती। नगर आयुक्त मनमानी कर रहे हैं, लेकिन उन्हें काम करना पड़ेगा। सदन में अफसरों के बहिष्कार को लेकर कमिश्नर डॉ. राज शेखर से बात करूंगी।

नगर आयुक्त बोले: नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि जहां सदन की कार्रवाई चल रही थी अचानक जलनिगम के अफसर को कुछ पार्षदों ने माला पहना कर उनकी फोटो खींचने लगे जिस पर माहौल बिगड़ने लगा। जल निगम के अधिकारियों की तरफ से अगर किसी कार्रवाई की सूचना मिलती है तो उसे फॉलो करेंगे। यदि अधिकारियों के द्वारा नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो उसकी जांच कराई जा सकती है। 

महापौर, मंडलायुक्त, डीएम व नगर आयुक्त के बीच बंद कमरे में हुई बैठक: सदन को लेकर महापौर ने मंडलायुक्त को नगर निगम बुलाया। महापौर, मंडलायुक्त डॉ. राज शेखर, डीएम आलोक तिवारी और एडीएम सिटी अतुल कुमार नगर निगम पहुंचे। नगर आयुक्त भी महापौर के कक्ष पहुंचे। महापौर की अफसरों के साथ 45 मिनट तक बैठक हुई। महापौर ने कहा कि अफसरों को ऐसी चाय पिलाई है कि दिमाग दुरुस्त हो जाएगा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.