अस्पतालों को लापरवाही का संक्रमण, आइसोलेशन वार्ड महज दिखावा
शहर में मंडरा रहा संक्रमण का खतरा, महज दिखावे के आइसोलेशन वार्ड
जागरण संवाददाता, कानपुर : शहर में स्वाइन फ्लू ने दस्तक दे दी है। संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है। अस्पतालों में संभावित मरीज आने शुरू हो गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जरूर जारी किया है, लेकिन तैयारियां महज दिखावे की है। अब तक आइसोलेशन वार्ड तैयार नहीं हैं। टेमीफ्लू के स्टॉक आने का इंतजार हो रहा है। डॉक्टर और स्टाफ को इंजेक्शन तक नहीं लगे हैं। सबसे खास बात तो यह है कि अति गंभीर मरीजों के लिए केवल संक्रामक रोग अस्पताल (आइडीएच) में ही व्यवस्था की जा रही है। वहां भी वेंटीलेटर खराब पड़ा है। अस्पतालों को लापरवाही का संक्रमण लग गया है।
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आइडीएच में जांच की सुविधा
आइडीएच में स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिए जांच की सुविधा है। यहां पर संक्रमित रोगियों के सैंपल लेकर उन्हें जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी लैब में भेजा जाता है।
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अस्पतालों की स्थिति
संक्रामक रोग अस्पताल
बेड की संख्या- 15
टेमीफ्लू- 100 गोलियां
वेंटीलेटर- एक वह भी खराब
वैक्सीनेशन- नहीं हुआ
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उर्सला अस्पताल
बेड की संख्या- 10
टेमीफ्लू- नहीं है
वेंटीलेटर- नहीं है
वैक्सीनेशन- नहीं हुआ
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केपीएम अस्पताल
बेड की संख्या- 2
टेमीफ्लू- नहीं है
वेंटीलेटर- नहीं है
वैक्सीनेशन- नहीं हुआ
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कांशीराम संयुक्त चिकित्सालय
बेड की संख्या- 5
टेमीफ्लू- पिछले साल की है
वेंटीलेटर- नहीं है
वैक्सीनेशन- साल भर पहले हुआ
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गंभीर मरीज को आइडीएच में भेजते
आइसोलेशन वार्ड में संभावित और संक्रमित व्यक्ति को रखा जाता है, लेकिन पॉजिटिव केस आते ही उन्हें आइडीएच में भेज दिया जाता है। संभावित रोगियों को भी टरकाया जाता है। अत्याधिक गंभीर मरीजों के लिए कहीं भी सुविधा नहीं है।
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छोटे बच्चों के लिए आफत
छोटे बच्चों के लिए संक्रमण की स्थिति में स्वास्थ्य विभाग के पास किसी तरह की भी तैयारी नहीं है। उनके लिए जरूरी वेंटीलेटर कहीं भी उपलब्ध नहीं हैं। अगर उन्हें संक्रमण लग गया तो नर्सिगहोम में भर्ती कराना ही मजबूरी है।