शहर में छठ मइया के स्वागत को सजे घर-आंगन, नहाय खाय के साथ शुरू होगा पूजन
नहर व नदी किनारे घाटों पर बनाई पूजन वेदिका। 34 घंटे का निर्जला व्रत रखेंगी महिलाएं।
कानपुर (जागरण संवाददाता)। छठ मइया और सूर्य भगवान की उपासना का पर्व डाला छठ रविवार से शुरू होगा। प्रथम दिन महिलाएं स्नान और संध्या काल में लौकी की सब्जी और भात खाकर पूजन अर्चन करेंगी। छठ मइया के स्वागत को घर-आंगन सज चुके हैं, युवतियों ने रंगोली बनाई है। वहीं नहर व नदी किनारे घाटों को भी रंग बिरंगी झालरों से सजाया गया है और लोगों ने वेदिका भी बनाई है।
छठ के चार दिवसीय महापर्व के पहले दिन नहाय खाय पर भी घरों में उत्सव का महौल होगा। घाटों पर बनाई गई वेदियों पर श्रद्धालु महिलाएं दीप जलाएंगी और छठ मैया का ध्यान करेंगी। सोमवार को खरना पर महिलाएं घरों में छठ मइया का पूजन करेंगी। ठेकुआ और गुड़ से बनी खीर का सेवन करेंगी। घरों में चौरा बनाया जाएगा और फिर पूजन सामग्री रखने के उपरांत 36 घंटे के अखंड निर्जला व्रत का संकल्प लेंगी। यहां अखंड ज्योति जलाकर दर्शन करेंगी।
नहरों पर इन घाटों पर हुई सजावट
षष्ठी और सप्तमी तिथि पर सीटीआइ, अर्मापुर नगर, पनकी नहर, गोलाघाट, मैस्कर घाट, मैग्जीन घाट, सत्ती चौरा, कोयला घाट, शास्त्री नगर बड़ा सेंटर पार्क, छोटा सेंटर पार्क में पूजन अर्चन होगा। फिलहाल नहर घाटों को सजाया गया है। रंग बिरंगी झालरों को देख ऐसा लगा कि मानो तारे छठ मइया व भगवान सूर्य का स्वागत करने को धरा पर आ गए हों। अर्मापुर व पनकी नहर पर घाट पर विजय नगर, देवकी, कल्याणपुर, रावतपुर आदि क्षेत्रों से महिलाओं की भीड़ होगी।
इन दिवसों पर होगा पूजन
11 नवंबर : नहाय खाय के साथ छठ पूजा शुरू होगी। घरों में लौकी की सब्जी और चावल बनेगा।
12 नवंबर : खीर और ठेकुआ का सेवन कर महिलाएं व्रत शुरू करेंगी।
13 नवंबर : संध्या काल मे घाटों पर महिलाएं भगवान सूर्य को अघ्र्य देंगी और छठ मैया का पूजन होगा।
14 नवंबर : उदय होते सूर्य को अघ्र्य दिया जाएगा।