Move to Jagran APP

गंगा मेला : सुबह रंगों की बौछार, शाम को गंगा किनारे प्रेम की फुहार

हटिया बाजार रज्जनबाबू पार्क से निकला रंग ठेला और होरियारों की टोली।

By AbhishekEdited By: Published: Tue, 26 Mar 2019 02:12 PM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2019 08:35 PM (IST)
गंगा मेला : सुबह रंगों की बौछार, शाम को गंगा किनारे प्रेम की फुहार
गंगा मेला : सुबह रंगों की बौछार, शाम को गंगा किनारे प्रेम की फुहार

कानपुर, जेएनएन। सात दिन की होली की मस्ती का सुरुर मंगलवार को शहर वासियों के सिर चढ़कर बोला। सुबह हटिया बाजार से रंग का ठेला चला तो रंगों की बौछार से फिजा भी सतरंगी हो गई और शाम ढलते ही सरसैया घाट पर प्रेम की फुहार पड़ती रही। क्या बड़े, बूढ़े और बच्चे सभी सुबह नाचते गाते और रंग उड़ाते नजर आए। देर शाम सात दिवसीय होली का सरसैया घाट पर गंगा आरती के साथ समापन हुआ। यहां मेले में आपसी सौहाद्र्र और प्रेम की फुहारें उड़ती रहीं। 

loksabha election banner

मंगलवार पूर्वाह्न रज्जन बाबू पार्क हटिया से रंग का ठेला निकला। विभिन्न क्षेत्रों में ठेले पर ड्रमों में रंग भरा था, उसमें सवार लोग दूसरों को रंग से सराबोर कर रहे थे। रंगों के ठेले रज्जन बाबू पार्क से निकलकर जनरलगंज, मनिराम बगिया, चौक टोपी बाजार, कोतवाली चौराहा, शिवाला, कमला टावर, फीलखाना, बिरहाना रोड, नयागंज, काहू कोठी, लाठी मोहाल होते हुए फिर से पार्क पहुंचा।

हारियारों ने की खूब मस्ती

रंग के ठेले के साथ शामिल होरियारों की टोली निकली और रास्ते में मिलने वाले हर एक व्यक्ति को सराबोर कर दिया। वहीं छतों से बच्चे, महिलाएं और युवतियां बाल्टियों से होरियारों पर रंग उड़ेलते नजर आईं। रास्ते में कई जगह मटकी फोड़ प्रतियोगिता का सिलसिला जारी रहा। इस दौरान देश भक्ति गीत, होली के गीतों पर होरियारे झूमते रहे। हवा में अबीर और गुलाल छाया रहा।

बिरहाना रोड पर हजारों होरियारे मस्ती करते रहे। जगह-जगह लगे स्टॉलों पर पानी आदि की भी व्यवस्था की गई। लोगों ने एक दूसरे से गले मिलकर होली की बधाई दी। इस दौरान सुरक्षा के व्यापक इंतजाम थे, सिटी मजिस्ट्रेट और तीन अतिरिक्त मजिस्ट्रेट के अलावा आरएएफ और पीएसी के जवान भी मुस्तैद रहे।

सरसैया घाट पर उड़ा प्यार का रंग
शाम ढलते ही सरसैया घाट पर अलग ही नजारा हो गया। लोग गंगा घाट की ओर रुख कर रहे थे, किनारे पर लगे स्टॉल पर कोई चंदन लगा रहा था और अबीर का टीका। एक दूसरे को होली की बधाई दे रहे थे। लोगों की भी कदम बढ़ाते हुए गंगा की ओर बढ़ती जा रही थी।

किसी स्टॉल पर भगवान के भजन गूंज रहे थे तो कहीं हवन पूजन का सिलसिला जारी था। समरसता को संदेश दे रहे इन स्टॉलों पर हर आने वाले को गले लगाकर लोग बधाई दे रहे थे। मिष्ठान खिलाकर मुंह मीठा कराते हुए जुबां पर सिर्फ होली की शुभकामनाएं थीं। महिलाओं और बच्चों ने भी बढ़चढ़ भागीदारी दिखाई। धीरे-धीरे भीड़ का रुख गंगा किनारे घाट को हुआ और फिर शुरू हुई आरती।

मंत्रों की बीच आरती की धुन ने सभी को भक्तिभाव में डुबो दिया। यहां विधायक, मंत्री और संतरी किसी के बीच कोई भेदभाव नहीं था, एक ही धारा में सब चल रहे थे। आपस में गले मिलकर बधाई देते हुए आगे बढ़ रहे थे। बच्चों के लिए विशेष तरह के झूले और खिलौनों की दुकानें लगी रहीं।

खान-पान के स्टॉल पर भी महिलाओं और युवतियों की भीड़ रही। जैसे-जैसे शाम ढल रही थी मेले की रौनक को चार चांद लगते जा रहे थे, यह सिलसिला देर रात चलता रहा और आसपास ही नहीं दूर दराज से आए लोगों भी मेले में प्यार की फुहार से सराबोर नजर आए।

यह भी पढ़ें : जानिए, कानपुर में क्यों मनाते हैं सात दिन की होली, गंगा मेला पर निकलता रंग का ठेला


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.