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दस लाख का बिका 'शाहरुख' तो 'सलमान' की बोली सात लाख की लगी, जान‍िए च‍ित्रकूट के मेले की खास‍ियत

प्रभु श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में दिवाली के दौरान मंदाकिनी तट पर गधों के मेले में पांच दिन तक पशु व्यापारियों और खरीदारों की भीड़ रहती है। यहां पर पांच दिनों तक गधों की खरीद-बिक्री से इस बार पांच करोड़ का व्यापार हो गया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 06 Nov 2021 03:04 PM (IST)Updated: Sun, 07 Nov 2021 07:27 AM (IST)
दस लाख का बिका 'शाहरुख' तो 'सलमान' की बोली सात लाख की लगी, जान‍िए च‍ित्रकूट के मेले की खास‍ियत
पांच दिनों तक गधों की खरीद-बिक्री से इस बार पांच करोड़ का व्यापार हो गया।

कानपुर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी चित्रकूट में मंदाकिनी नदी के तट पर धार्मिक आयोजनों के साथ ही करीब सौ वर्ष पहले से लगने वाला पशु मेला काफी चर्चित है। इस बार यहां पर सर्वाधिक चर्चा गधों पर लगने वाली बोली पर रही। एक अनुमान के मुताबिक इस बार लगभग पांच करोड़ से अधिक का कारोबार हुआ है।

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प्रभु श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में दिवाली के दौरान मंदाकिनी तट पर गधों के मेले में पांच दिन तक पशु व्यापारियों और खरीदारों की भीड़ रहती है। यहां पर पांच दिनों तक गधों की खरीद-बिक्री से इस बार पांच करोड़ का व्यापार हो गया। पौराणिक नगरी चित्रकूट में दीपावली के अवसर पर मंदाकिनी तट पर लगने वाले इस विशाल गधे मेले में गधों की बोली दस लाख रुपया तक लगाई। इस मेले का आयोजन सतना जिला पंचायत करती है। मेले में गधे के साथ घोड़े-खच्चरों की भी बिक्री होती है।

दीवाली मेले में चित्रकूट में धर्म और आध्यात्म से जुडी गतिविधिओं का बोलबाला रहता है, वहीं गधा मेला भी लोगों के लिए कौतूहल का विषय होता है। कई प्रदेशों से हजारों की संख्या में आए विभिन्न नस्लों के गधों की खरीद फरोख्त के बड़े केंद्र के रूप में विकसित इस गधे मेले में विभिन्न कद काठियों के गधों को देखने के लिए लोगों की भीड़ जुटती है। मंदाकिनी नदी के किनारे लगने वाले गधे मेले में इस बार लगभग पंद्रह हजार गधे आए। अनेकों आकर प्रकार के इन गधों की कीमत दस हजार से लेकर दस लाख रूपए तक रही। गधा व्यापारियों ने जांच परख कर इन जानवरों की खरीददारी की। दो दिनों के दौरान करीब नौ हजार गधे बिक गए।

चित्रकूट के गधों के मेले की परंपरा मुगल बादशाह औरंगजेब ने शुरू की थी। मेले से उसने मुगल सेना के बेड़े में गधे-खच्चर शामिल किए थे। यह ऐतिहासिक मेला सौ वर्ष पुराना है। गधों की बोली लाखों तक लगाई गई है। मेले में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार के विभिन्न जिलों के व्यापारी और जरूरतमंद गधों की खरीद-बिक्री करने आते हैं। जहां इन गधों के कद काठी के हिसाब से उनकी बोली पांच हजार से शुरू होकर लाखों तक पहुंच जाती है।

सबसे ज्यादा कीमत में बिके शाहरुख व सलमान

पशु मेला में इस बार सबसे ज्यादा कीमत बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान के नाम के गधे की लगी। शाहरुख नाम के गधे को दस लाख में खरीदा गया तो सलमान खान नाम के गधा की बोली सात लाख में लगी। इनके साथ ही रितिक रोशन व रणबीर सिंह के नाम के गधों की भी ठीक ठाक कीमत मिल गई। इन्हें पांच-पांच लाख रुपये में खरीदा गया। गधों के नाम फिल्मी दुनिया के कलाकारों और नेताओं के नाम पर भी रखे गए। 'दीपिकाÓ नाम का गधा एक लाख पच्चीस हजार का बिका। एक अनुमान के मुताबिक इस बार लगभग पांच करोड़ से अधिक का कारोबार हुआ है।

प्रदेश में आज भी जिंदा है पशु मेला कल्चर

शहरों से दूर गांव-देहात के इलाकों में पशु मेलों का कल्चर आज भी जिंदा है। चित्रकूट में प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी ऐतिहासिक गधों का मेला लगा है। जिसमें 50 हजार से 12 लाख तक के गधे बिके। इस मेले में यूपी, एमपी व छत्तीसगढ़ के व्यापारी गधे बेचने पहुंचे। दीपावाली के अवसर पर मंदाकिनी नदी के तट पर विशाल गधा मेला का आयोजन किया गया। मंदाकनी नदी के तट पर लगने वाले ऐतिहासिक मेले का विशेष महत्व है। इस बार इस मेले में सबसे खास गधा हो गया है।  


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