सरकारी विद्यालय, जहां प्रोजेक्टर पर होती पढ़ाई और बच्चे सीखते कंप्यूटर
कानपुर के सरसौल स्थित परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में गणित और विज्ञान प्रयोगशाला भी है यह शहर के प्राइवेट स्कूलों को टक्कर दे रहा है।
कानपुर, जेएनएन। सरकारी विद्यालय को लेकर आम लोगों के प्रति रहने वाली धारणा को सरसौल ब्लाक के एक शिक्षक ने बदल कर रख दिया है। 'शिक्षार्थ आइये - सेवार्थ जाइये' के मूलमंत्र को आत्मसात करते हुए शिक्षक ने गंगा कटरी के अति पिछड़ा स्कूल अब प्राइवेट स्कूलाें को टक्कर दे रहा है। शिक्षक की मेहनत और लगन से सरसौल ब्लाक का उच्च प्राथमिक स्कूल विपौसी आधुनिक सुविधाओं व संसाधनों से परिपूर्ण है और यहां बच्चे कंम्प्यूटर और प्रोजेक्टर पर पढ़ाई करते हैं। विद्यालय को संवारने का यह काम कार्यवाहक प्रधानाचार्य वेद नारायण त्रिपाठी ने कर दिखाया है।
वेद नारायण बताते हैं कि जब सहायक अध्यापक के तौर पर कार्यभार संभाला तो स्कूल के हालात बेहद खराब थे। उस वक्त यहां तीन कक्षाओं में सिर्फ 24 बच्चे थे, इसपर वह स्कूल का हाल सुधारने का संकल्प लेकर जुट गए। वर्षों की मेहनत रंग लाई और अब यहां 150 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। बच्चों को मिल रही बेहतर शिक्षा स्कूल में गणित-विज्ञान की प्रयोगशाला स्थापित है। चार कंप्यूटर, टेबलेट, प्रोजेक्ट, सूक्ष्मदर्शी समेत विभिन्न उपकरण और किटें हैं। इन्वर्टर, पंखा और बिजली कनेक्शन तथा बच्चों के बैठने के लिए मेज-कुर्सी भी हैं।
कई बार मिल चुका है प्रशंसा पत्र
शैक्षिक गतिविधियों के साथ सुंदर इमारत, साफ-सफाई आदि के लिए प्रशासन की ओर से स्कूल को प्रशंसा पत्र मिल चुका है। कार्यवाहक प्रधानाचार्य वेद नारायण त्रिपाठी भी उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किए जा चुके हैं। खंड शिक्षाधिकारी गिरिजेश कटयार बताते हैं कि विपौसी उच्च प्राथमिक स्कूल सरसौल विकास खंड का सबसे अच्छा स्कूल है। कई मामलों में ये निजी स्कूलों को भी मात दे रहा है।