एनपीए के लिए बैंकों का उच्च प्रबंधन दोषी
भारतीय बैंक संघ बैंकों की वित्तीय स्थिति का हवाला देकर दो फीसद वेतन वृद्धि की बात कह रहा है पर बैंकों में एनपीए के लिए अधिकारी व कर्मचारी नहीं बैंकों का उच्च प्रबंधन दोषी है।
जागरण संवाददाता, कानपुर : भारतीय बैंक संघ बैंकों की वित्तीय स्थिति का हवाला देकर दो फीसद वेतन वृद्धि की बात कह रहा है पर बैंकों में एनपीए के लिए अधिकारी व कर्मचारी नहीं बैंकों का उच्च प्रबंधन दोषी है। ये आरोप बुधवार को यूपी बैंक इम्प्लाइज यूनियन के बैनर तले बिरहाना रोड स्थित यूनाइटेड फोर आफ बैंक यूनियन्स के प्रदर्शन में लगाया गया।
यूनियन के मंत्री सुधीर सोनकर ने कहा कि सच यह है कि बैंकों ने वर्ष 2016-17 में 1,58,982 करोड़ रुपये का सकल परिचालन लाभ कमाया पर रिजर्व बैंक के निर्देश पर 1,70,370 करोड़ रुपये का प्रावधान कर खराब ऋणों के लिए 11,388 करोड़ की हानि दिखा दी गई। इसके लिए अधिकारी व कर्मचारी जिम्मेदार नहीं हैं क्योंकि बड़े ऋण का फैसला उच्च प्रबंधन कारपोरेट जगत को लाभ पहुंचाने के लिए करता है। उन्होंने कहा कि बैंक कर्मचारी इस माह के अंत में दो दिवसीय हड़ताल करेंगे। आल इंडिया बैंक आफीसर्स एसोसिएशन के संयोजक प्रवीन मिश्रा ने कहा, पिछले 10 द्विपक्षीय समझौतों में अधिकारियों से लेकर महाप्रबंधक तक का समझौता यूनाइटेड फोरम करता रहा है लेकिन आइबीए केवल स्केल तीन तक के अधिकारियों को वेतन वार्ता में शामिल करना चाहता है। अधिकारियों के बीच फूट डालने की कोशिश हो रही है। प्रदर्शन करने वालों में रजनीश गुप्ता, संजय त्रिवेदी, राकेश तिवारी, मनोज तिवारी, अनिल सोनकर, अनुराग शुक्ला, लालचंद्र, जीआर तिवारी, अंकुर द्विवेदी आदि रहे।
बैंक अधिकारियों ने दिया धरना
आल इंडिया इलाहाबाद बैंक आफीसर संघ के तत्वावधान में इलाहाबाद बैंक के मंडलीय कार्यालय में अधिकारियों ने धरना देकर नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि भारतीय बैंक संघ अगर ठीक वेतन वृद्धि के लिए राजी नहीं होता तो लगातार धरना, प्रदर्शन होगा। ग्राहकों को परेशानी न हो, इसलिए धरना शाम पांच बजे के बाद रखा गया। सिद्धनाथ, राजेश श्रीवास्तव, विवेकानंद, केएल माथुर, कुलदीप सिंह, अंकुर मिश्रा, कौशलेंद्र पांडेय, अनूप श्रीवास्तव, आयुषी तिवारी, अतुल द्विवेदी, अश्वनी कुमार, एमएम पांडेय, ईशान द्विवेदी आदि थे।