करोड़ों का बैंक घोटाला : सुजय देसाई की जमानत अर्जी खारिज, निचली अदालत को छह माह में देना होगा फैसला
करोड़ों रुपये के बैंक घोटाले में फ्रास्ट इंटरनेशनल लिमिटेड के निदेशक सुजय देसाई को गिरफ्तार किया गया था और मार्च 2020 से जेल में है। अब हाईकोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए केस की सुनवाई छह माह में पूरी करने के अादेश दिए हैं।
कानपुर, जागरण संवाददाता। फ्रास्ट इंटरनेशनल लिमिटेड के निदेशक सुजय देसाई की जमानत अर्जी हाई कोर्ट ने खारिज कर दी। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने निचली अदालत को मामला छह माह में निस्तारित करने के आदेश दिए हैं। सुजय 19 मार्च 2020 से जेल में हैं।
सीरियस फ्राड इंवेस्टिगेशन आफिस (एसएफआइओ) ने करोड़ों रुपये के बैंक घोटाले में मार्च 2020 को मामला कोर्ट में दर्ज कराया था। इसमें फ्रास्ट इंटरनेशनल लिमिटेड के निदेशक सुजय देसाई भी आरोपित हैं। एसएफआइओ के अधिकारियों ने मार्च में ही उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जिला न्यायालय से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत की मांग की थी, लेकिन नहीं मिली। निर्णय के खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट भी गए, लेकिन वहां से भी उन्हें राहत नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी जो पिछले एक साल से लंबित थी।
सुनवाई के दौरान सुजय की ओर से जमानत के पक्ष में तर्क दिया गया कि वह लगातार जांच एजेंसी को सहयोग कर रहे हैं। एसएफआइओ ने मामले में चार्जशीट लगा दी है, लेकिन इसमें कई गवाह विदेशी हैं जिसके चलते मुकदमे का जल्द निस्तारण होना मुश्किल है। गंभीर रूप से बीमार होने का हवाला देते हुए जमानत की मांग की गई। जमानत का विरोध करते हुए एसएफआइओ की ओर से कहा गया कि सुजय 7800 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले के मामले में आरोपित हैं। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोप को गंभीर मानते हुए जमानत निरस्त कर दी।