CAA Protest In Kanpur : कानपुर के बाजार को करोड़ों का नुकसान, ठहर गया कारोबार का पहिया
50 हजार रुपये से अधिक के माल का बिल नही बनने से कारोबार रुक गया है।
कानपुर, जेएनएन। शहर में हुए बवाल का असर बाजार पर पड़ रहा है, इससे कारोबारियों को करोड़ों का नुकसान हो रहा है। बाहर के व्यापारी न आने की वजह से कारोबार और प्रभावित हो गया है। इंटरनेट सेवा बंद होने से ई-वे बिल भी नहीं बनने से 50 हजार रुपये से कम की बिक्री ठहर गई है।
कई दुकानों में नहीं हुई बोहनी
शहर से कानपुर देहात, इटावा, औरैया, फर्रखाबाद, कन्नौज, हमीरपुर, महोबा, फतेहपुर, उन्नाव, बांदा के कारोबारी आते हैं गल्ला, कपड़ा, किराना, घी-तेल, मसाले का कारोबार करते हैं। कपड़ा तो बिहार और नेपाल तक जाता है। बवाल के बाद अधिकतर थोक बाजारों में खरीदारों की संख्या बेहद कम हो गई है। खासतौर पर कपड़ा, गल्ला, लोहा बाजारों में नाममात्र की ही बिक्री हुई। कई दुकानें में बोहनी तक नहीं हुई। गल्ला मंडी को लेकर भी आढ़तियों में संशय रहा। सुबह नौबस्ता गल्ला मंडी जाने वाले कारोबारी दोपहर तक लौट आए।
ठहर गया कारोबार का पहिया
कानपुर गल्ला आढ़तिया संघ के प्रधान सचिव ज्ञानेश मिश्रा के मुताबिक रोजाना के पांच करोड़ रुपये के मुकाबले शनिवार को मंडी में केवल 50 लाख रुपये का ही कारोबार हुआ। नौघड़ा कपड़ा कमेटी के अध्यक्ष शेष नारायण त्रिवेदी ने बताया कि लगातार दूसरे दिन शाम को पांच बजे बाजार बंद होने से बोहनी नहीं हुई। लोहा कारोबारी अतुल द्विवेदी के मुताबिक शहर में रोज करीब 100 करोड़ का लोहा कारोबार होता है, जो शनिवार को पांच फीसद भी नहीं रहा। ई-वे बिल जेनरेट न होने की वजह से 50 हजार रुपये से ज्यादा का माल भी नहीं बिक सका।
डंप हो गया करोड़ों का माल
डिजिटल इंडिया के दौर में पहली बार दो दिन तक इंटरनेट सेवा बाधित होने से शहर में करोड़ों रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ। बैंको-डाकघरों में सर्वर डाउन होने से लेनदेन नहीं हो सका। वहीं ऑनलाइन टिकट और फूड बुकिंग सेवा भी ठप रही। लोग अपना मोबाइल तक रीचार्ज नहीं करा सके। इसका सबसे ज्यादा असर शहर के औद्योगिक ढांचे पर पड़ा। कारखाने और व्यावसायिक इकाईयां आंशिक बंदी की कगार पर पहुंच गईं।
तकरीबन 14 हजार इकाईयों में तैयार 700 करोड़ रुपये का माल दूसरे शहरों में नहीं भेजा जा सका। वहीं अन्य राज्यों से भी कच्चा माल नहीं आ पाया। सबसे ज्यादा समस्या औद्योगिक इकाईयों को हुई। ई-वे बिल जारी न हो पाने से कच्चा माल फंस गया। उद्यमियों के मुताबिक दो दिन में तकरीबन सात सौ करोड़ रुपये का माल डंप हो चुका है। इसे लेकर कारोबारियों और व्यवसायियों ने बैठक भी बुलाई है।
कई राज्यों से आता है कच्चा माल
पनकी, दादा नगर, रुमा तथा शहर के विभिन्न हिस्सों में करीब 14 हजार इकाईयां हैं। इनमें प्लास्टिक, पैकेजिंग, स्टील, फार्मास्यिुटिकल, टेक्सटाइल आदि शामिल हैं। यहां से कच्चा माल दिल्ली, मुंबई, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पंजाब, असोम समेत अन्य राज्यों से मंगवाया जाता है। सबसे अधिक दिक्कत रोजाना की खाद्य वस्तुओं में आ रही है। इनमें ब्रेड, बिस्किट, नमकीन, टोस्ट शामिल हैं। शुक्रवार को कारोबारियों ने आधे समय के लिए कारखाने बंद भी कर दिए थे।
सुनिए, इन्होंने क्या कहा
- करोड़ों रुपये का माल तैयार होकर डंप पड़ा है। यह स्थिति दो दिन की हो गई है। इसी तरह दो तीन दिन और रहा तो इकाईयों को उत्पादन बंद करना पड़ेगा। -सुनील वैश्य, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आइआइए
- कच्चा माल और तैयार माल अटक गया है। प्रोडक्शन हो रहा है, लेकिन उसे निर्धारित जगह भेज नहीं जा पा रहे। कई इकाईयों को कच्चा माल नहीं मिल सका है। -आलोक अग्रवाल, अध्यक्ष आइआइए
- सर्दियों के कपड़े, रूम हीटर, ब्लोअर की बिक्री प्रभावित हुई है। होलसेल और रिटेल से मांग नहीं आ रही है। सीजन के हिसाब से कारोबार के लिए संकट की घड़ी है। -मनोज बंका, अध्यक्ष पीआइए