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कोरोना ने लगा दिया हार्ट सर्जरी पर ब्रेक, समान्य ओपीडी सेवा भी है बंद

कानपुर के हृदय रोग संस्थान में कोरोना काल से पहले 24 घंटे इमरजेंसी सेवा के साथ पांच दिन की ओपीडी होती थी और सप्ताह में 15-18 मरीजों के ऑपरेशन होते थे। हृदय के बड़े ऑपरेशन में सर्जन समेत 20-25 लोगों का स्टॉफ लगता है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 04 Oct 2020 04:28 PM (IST)Updated: Sun, 04 Oct 2020 04:28 PM (IST)
कोरोना ने लगा दिया हार्ट सर्जरी पर ब्रेक, समान्य ओपीडी सेवा भी है बंद
कानपुर शहर में एकमात्र हृदय रोग संस्थान।

कानपुर, जेएनएन। हृदय रोग संस्थान में कोरोना काल से पहले 24 घंटे चहल-पहल रहती थी, अब सन्नाटा पसरा रहता है। कार्डियोलॉजी विभाग से लेकर कार्डियक थेरोसिक वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) विभाग में हार्ट के प्रोसीजर से लेकर छोटे-बड़े ऑपरेशन लगभग बंद हैं। सामान्य ओपीडी सेवा नहीं चल रही है। मरीजों की जान बचाने के लिए बहुत जरूरी इमरजेंसी ऑपरेशन ही हो रहे हैं। पहले जहां सप्ताह में 15-18 ऑपरेशन होते थे, अब इक्का-दुक्का हो रहे हैं।

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कोरोना काल से पहले संस्थान के कार्डियोलॉजी विभाग की पांच दिन सोमवार, मंगलवार, बुधवार, शुक्रवार व शनिवार को ओपीडी चलती थी, जिसमें सप्ताह में औसतन 3500 से 3800 मरीज देखे जाते थे। इसी तरह कार्डियक सर्जरी की ओपीडी गुरुवार व रविवार हो होती थी, जिसमें 1200 से 1300 मरीज देखे जाते थे। इमरजेंसी में भी 25-30 मरीज भर्ती होते थे।

कार्डियोलॉजी विभाग में प्रतिदिन 30-35 प्रोसीजर होते थे, जो अब घट कर 10-12 पर आ गए हैं। इसी तरह सीटीवीएस विभाग में पहले सप्ताह में पांच दिन ऑपरेशन होते थे, जिसमें 15 बाइपास सर्जरी होती थीं, 24-26 छोटे ऑपरेशन होते थे। अब सप्ताह में एक या दो ही बड़े ऑपरेशन हो रहे हैं। इसमें भी मरीज की जान बचाने के लिए इमरजेंसी केस किए जाते हैं। सर्जरी से पहले का प्रोटोकॉल बहुत ही सख्त है।

यह है मुख्य वजह

दिल के बड़े ऑपरेशन में मुख्य कार्डियक सर्जन से लेकर सीनियर रेजीडेंट और सपोर्टिंग स्टॉफ मिलाकर 20-25 लोग लगते हैं। इसमें से किसी एक के भी कोरोना संक्रमित होने पर ऑपरेशन टालना पड़ता है। किसी के संक्रमित होने पर यदि ऑपरेशन के दौरान मरीज संक्रमित हो गया तो उसकी हार्ट की धमनियों में खून की थक्के तेजी से जमने लगेंगे और उसकी जान बचाना मुश्किल हो जाएगा।

यहां भी एहतियात

मरीज एवं उनके दो तीमारदारों की कोविड जांच जरूरी है। मरीज को ब्लड देने वाले छह रक्तदाताओं की भी जांच कराई जाती है, उसके बाद ही ब्लड लिया जाता है। मरीज की रिपोर्ट आने तक 36 घंटे होल्डिंग एरिया में रखते हैं। ऑपरेशन के बाद पांच दिन तक आइसीयू में रखते हैं, उस दौरान स्वजनों से मिलने पर पूरी तरह पाबंदी होती है।

  • कोरोना विकराल हो चुका है। हार्ट की सर्जरी बहुत ही संवेदनशील होती है, इसलिए कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना जरूरी है। टीम के एक भी सदस्य के संक्रमित होने पर सर्जरी टालनी पड़ जाती है। इसलिए इमरजेंसी केस ही हो रहे हैं। -प्रो. राकेश वर्मा, विभागाध्यक्ष, कार्डियक सर्जरी विभाग लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान

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