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घर पर हृदयरोगी अब खुद ही पता लगा सकेंगे खून गाढ़ा हो रहा या पतला

कार्डियोलॉजी के डॉक्टर और आइआइटी के विशेषज्ञ बना रहे डिवाइस, जो मधुमेह डिवाइस की तर्ज पर काम करेगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 Aug 2018 12:09 PM (IST)Updated: Sat, 11 Aug 2018 12:09 PM (IST)
घर पर हृदयरोगी अब खुद ही पता लगा सकेंगे खून गाढ़ा हो रहा या पतला
घर पर हृदयरोगी अब खुद ही पता लगा सकेंगे खून गाढ़ा हो रहा या पतला

ऋषि दीक्षित, कानपुर

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दिल का वाल्व बदलवाने और हृदयरोगियों के लिए राहत भरी खबर है। खून गाढ़ा हो रहा या पतला यह जानने के लिए अब उन्हें पीटी/आइएनआर जांच नहीं करानी पड़ेगी। लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान (कार्डियोलॉजी) के डॉक्टर और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) के विशेषज्ञ ऐसी डिवाइस बना रहे हैं, जिससे घर पर ही खून के गाढ़ा-पतला होने की जांच की जा सकेगी। यह डिवाइस मधुमेह डिवाइस की तर्ज पर काम करेगी।

हृदयरोगियों में दिल की अनियंत्रित धड़कन के कारण रक्त संचार धीमा हो जाता है। वहीं जिन हृदयरोगियों को कृत्रिम वाल्व लगाया जाता है, उनमें प्रोटीन फैक्टर बढ़ने से रक्त संचार सुस्त पड़ जाता है। रक्त संचार धीमा होने पर खून गाढ़ा होने लगता है। ऐसे मरीजों को रक्त पतला करने की दवा लगातार लेनी होती है। वहीं, रक्त के अधिक पतला होने पर रक्तस्राव की आशंका बनी रहती है। इसकी लगातार मानीट¨रग जरूरी है। इसीलिए पीटी/आइएनआर (खून के पतला या गाढ़ा होने की) जांच नियमित अंतराल पर करानी पड़ती है। बन रही डिवाइस से मरीजों को लैब की बार-बार भागदौड़ से छुटकारा मिलेगा। केवल एक बूंद रक्त से ही इसकी जांच हो जाएगी। आइआइटी के विशेषज्ञ डॉ. शांतनु भट्टाचार्य और अनुभूति साहा अब लैब में डिवाइस का ट्रायल कर रहे हैं। जबकि हृदय रोग संस्थान के डॉ. आशुतोष बाजपेई चिकित्सकीय मानक देख रहे हैं। ये है नुकसान

खून गाढ़ा होने और थक्का जमने से लकवा, हृदयाघात और हार्ट फेल होने की आशंका होती है। पतला होने पर ब्रेन, गुदा मार्ग, आंत और मुंह से रक्तस्राव हो सकता है। ये है मानक

रक्त में आइएनआर की मात्रा 2.5 से 3.5 सामान्य है। इससे कम होने पर रक्त गाढ़ा और अधिक होने पर पतला होने लगता है। - - - - - - - - - - -

''आइआइटी ने संस्थान के साथ मिलकर डेंगू जांच की डिवाइस बनाई थी। अब पीटी/आइएनआर जांच की डिवाइस पर काम कर रहे हैं। ट्रायल का परिणाम उत्साहजनक है।''

- डॉ. डॉ. विनय कृष्ण, निदेशक, लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान ''हृदय रोग संस्थान की जरूरत के हिसाब से तकनीक विकसित की है। अभी लैब ट्रायल कर रहे। अंतिम परिणाम का इंतजार है।''

- डॉ. शांतनु भट्टाचार्य, प्रोफेसर, मैकेनिकल इंजीनिय¨रग विभाग, आइआइटी


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