आइआइटी कानपुर की अपील पर हाईकोर्ट में सुनवाई जारी
इलाहाबाद: आइआइटी कानपुर में अगस्त, 2017 में हुई रैगिंग के आरोपित छात्रों की सजा निरस्त क
इलाहाबाद: आइआइटी कानपुर में अगस्त, 2017 में हुई रैगिंग के आरोपित छात्रों की सजा निरस्त करने के आदेश के खिलाफ संस्थान की अपील पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है। दो दिनों से बहस जारी है, गुरुवार को भी सुनवाई होगी।
आइआइटी कानपुर ने 19 और 20 अगस्त, 2017 को 22 छात्रों पर नए छात्रों की रैगिंग करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की थी। सीनेट स्टूडेंट अफेयर कमेटी को तथ्यों का पता लगाकर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया गया। कमेटी के अध्यक्ष ने रिपोर्ट पेश की और आरोपी छात्रों को निलंबित करने सहित आवासीय हाल में ठहरने पर प्रतिबंध लगाने की संस्तुति की। नौ अक्टूबर, 2017 के प्रस्ताव को रैगिंग विरोधी कमेटी के पास भेजा गया, जिसका अनुमोदन कर कार्रवाई के लिए भेजा गया। इसके बाद 16 छात्रों को दंडित किया गया। आरोपियों की याचिका के तथ्यों के अनुसार सभी कार्रवाई छात्रों की शिकायत के आधार पर ही की गई। बयान दर्ज किए गए लेकिन, ये बयान नियमित जांच में नहीं लिए गए। छात्रों को आरोपों में दोषी ठहराए बिना ही दंडित किया गया। इस मामले में न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल ने आरोपित छात्रों का भविष्य बचाने के लिए उन्हें दूसरे स्थान पर परीक्षा में बैठाने की व्यवस्था करने का आदेश दिया था। लेकिन, इस आदेश को संस्थान ने नहीं माना। बाद में कोर्ट ने याचिका की सुनवाई करते हुए संस्थान की ओर से सुनाई गई सजा को नैसर्गिक न्याय के विपरीत करार देते हुए रद कर दिया। इसी आदेश के विरुद्ध आइआइटी कानपुर संस्थान की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दाखिल हुई है।