वर्चुअल कोर्ट में सुनवाई, फोन पर मिला निर्णय
तीन दिन का अवकाश अब 4 अगस्त को होगी सुनवाई
जागरण संवाददाता, कानपुर : जीआइसी चुन्नीगंज में शुक्रवार को वर्चुअल कोर्ट शुरू हुई। अधिवक्ताओं ने मुकदमों में बहस की। शाम तक कई मामलों में निर्णय भी सुना दिए गए जिसकी सूचना अधिवक्ताओं को फोन पर दी गई। त्योहार के अवकाश के चलते अगली वर्चुअल कोर्ट चार अगस्त को लगेगी। उस दिन होने वाले मुकदमों की सूची जारी कर दी गई है।
जीआइसी में सुबह दस बजे से ही अधिवक्ताओं के पहुंचने का क्रम शुरू हो गया था। अधिवक्ताओं को समय स्लॉट के अनुसार कर्मचारियों ने फोन पर सुनवाई होने की जानकारी दी थी जिसके चलते यहां भीड़ ज्यादा नहीं रही। थर्मल स्कैनिग के बाद अधिवक्ताओं को परिसर में प्रवेश दिया गया। कोर्ट रूम में उन्हीं अधिवक्ताओं को प्रवेश मिला जिनके मुकदमों की सुनवाई थी। वर्चुअल कोर्ट का पहला दिन होने के चलते कई बार आवाज में कंजेशन की समस्या उत्पन्न हुई हालांकि इसे तत्काल सही किया गया।
जनपद न्यायाधीश की कोर्ट में 20 मुकदमें लगे थे जिनमे 19 की सुनवाई हुई। अधिवक्ता के उपस्थित न होने के चलते एक मामले पर सुनवाई नहीं हो सकी। शाम को अधिकतर मामलों में निर्णय भी आए जिनकी सूचना कर्मचारियों ने फोन पर दी। आदेश देर शाम तक ईमेल के माध्यम से भेजे गए। वर्चुअल कोर्ट के बेहतर संचालन के लिए न्यायिक अधिकारियों के साथ बार एसोसिएशन के पदाधिकारी उपस्थित रहे। इस दौरान पुलिस और मेडिकल टीम भी मौजूद रही।
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अव्यवस्थाओं पर वकीलों ने किया विरोध : वर्चुअल कोर्ट में अव्यवस्थाओं को लेकर वकीलों ने विरोध प्रदर्शन किया। जिला जज को पत्र देकर इलेक्ट्रानिक सैनिटाइजर मशीन और थर्मल स्कैनिग की व्यवस्था कराने की मांग की गई। चार अगस्त को वर्चुअल कोर्ट की बजाय कचहरी में ही कोविड नियमों से सुनवाई की मांग की गई। हालांकि इस दौरान विरोध कर रहे अधिवक्ताओं को पदाधिकारियों के साथ ही साथी अधिवक्ताओं का विरोध झेलना पड़ा। जिसके बाद अधिवक्ता कोतवाली पहुंचे और कंटेनमेंट जोन की गलत रिपोर्ट देने का आरोप लगाकर तहरीर दी। इसके साथ ही चीफ जस्टिस को ईमेल किया गया है जिसमे जांच कराए जाने की मांग की गई है। तहरीर देने वालों में नरेश चंद्र त्रिपाठी, सियाराम पाल, नरेश मिश्रा, मनोज त्रिवेदी, रवींद्र शर्मा, आनंद गौतम, नरेंद्र कुमार यादव, पवन सिंह राना समेत अन्य अधिवक्ता मौजूद रहे।
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बोले अधिवक्ता
वर्चुअल कोर्ट शुरू होने से अधिवक्ताओं को काफी राहत मिल रही है। परिस्थितियां अनुसार आगे अन्य प्रार्थना पत्रों की सुनवाई को भी शामिल कराया जाएगा।
कपिल दीप सचान, महामंत्री बार एसोसिएशन
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चार माह बाद न्यायिक कार्य शुरू हुआ है इससे वादकारियों को इंसाफ की उम्मीद जगी है। अधिवक्ताओं के लिए भी यह बेहतर ही है।
सुरेश सिंह चौहान, वरिष्ठ अधिवक्ता
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वर्चुअल कोर्ट शुरू होने से वादकारियों में उम्मीद जगी है। अधिवक्ताओं की परेशानी भी समाप्त होगी। महामारी में ऐसे ही संसाधनों से कार्य करना होगा।
शशिकांत शुक्ला, अधिवक्ता